Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 03:00 PM
स्टील के रेटों में बेतहाशा वृद्धि से खफा होकर जहां एक ओर इंजीनियरिंग इंडस्ट्री सरकार के समक्ष अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में है, वहीं इंडस्ट्री की आंदोलन की धमकी को सिरे से नजरअंदाज करते हुए स्टील...
लुधियाना(बहल): स्टील के रेटों में बेतहाशा वृद्धि से खफा होकर जहां एक ओर इंजीनियरिंग इंडस्ट्री सरकार के समक्ष अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में है, वहीं इंडस्ट्री की आंदोलन की धमकी को सिरे से नजरअंदाज करते हुए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) ने अपने स्टील उत्पादों के दामों में 2000 से लेकर 3000 रुपए प्रति टन की वृद्धि करने की घोषणा कर दी है।
इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की देश की दूसरी बड़ी स्टील कम्पनी राष्ट्रीय इस्पात निगम ने भी अपने उत्पादों के रेट में 1500 रुपए प्रति मीट्रिक टन की वृद्धि कर स्टील उपभोक्ता इंडस्ट्री को नए साल के प्रारंभ में ही करारा झटका दे दिया है। नववर्ष 2018 के पहले ही दिन मिनी स्टील प्लांटों ने बड़ी स्टील कम्पनियों की प्रस्तावित तेजी के मद्देनजर अपने प्रोडक्ट्स के दाम 1500 रुपए प्रति टन बढ़ा दिए थे। इसके मद्देनजर सैकेंडरी स्टील इंगट के दाम भी 1 जनवरी को 39,000 रुपए प्रति टन से बढ़कर 40,200 रुपए पहुंच गए थे। आज देश की बड़ी स्टील निर्माता कम्पनियों द्वारा अपने उत्पादों के दाम में वृद्धि की घोषणा के साथ ही स्टील इंगट के रेटों में 1000 रुपए प्रति टन का उछाल आने से इंगट के दाम 41,300 रुपए प्रति टन का आंकड़ा छू गए।
बता दें कि चीन में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण पर नियंत्रण करने की कवायद में वहां कई बड़े स्टील प्लांटों का उत्पादन बंद करने के असर स्वरूप भारत में पिछले एक माह में ही करीब 4000 रुपए प्रति टन की स्टील उत्पादों के रेटों में तेजी आ गई है, जबकि जी.एस.टी. लागू होने के बाद मोदी सरकार द्वारा स्टील की कीमतों में गिरावट के दावे के विपरीत पिछले 5 महीनों में देश में स्टील की कीमतें 8000 रुपए प्रति टन से ऊपर बढ़ चुकी हैं। इसका सीधा मतलब है कि जुलाई से जनवरी तक स्टील के रेटों में करीब &0 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक विश्व बाजार में स्टील की डिमांड बढऩे के साथ भारत में भी वर्ष 2017 में अप्रैल से नवम्बर की अवधि में फिनिशड स्टील का उत्पाद 5.1 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं स्टील की खपत में भी इसी अवधि के दौरान 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।