Edited By Updated: 30 Aug, 2016 01:13 PM
आज के इस युग में यदि कोई व्यक्ति किसी मुकाम पर पहुंच जाता है तो उसका अंदाज व लाइफ स्टाइल एकदम से बदल जाता है।
लुधियाना(सलूजा): आज के इस युग में यदि कोई व्यक्ति किसी मुकाम पर पहुंच जाता है तो उसका अंदाज व लाइफ स्टाइल एकदम से बदल जाता है। वह अपने बीते कल को याद रखने में भी शर्म महसूस करता है। लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो कि मेहनत-मजदूरी करने में गर्व महसूस करते हैं।
इनमें एक ऐसी शख्सियत का नाम है कृष्ण सिंह। जोकि 2 बार गांव का सरपंच व एक बार जिला योजना बोर्ड का सदस्य रहा। अपने कार्यकाल के दौरान रिकार्डतोड़ काम करवा कर गांव की नुहार ही बदल दी। पीने वाले पानी की समस्या से निजात दिलवाने के लिए गांव में पानी की टैंकी का निर्माण करवाया। बच्चों को अच्छी शिक्षा गांव से मिले तो इसके लिए गांव के लिए एक प्राइमरी स्कूल सरकार से मंजूर करवाया। कृष्ण सिंह आज भी आपको दुगरी नहर के किनारे सड़क पर बैठ कर जूतों की मुरम्मत करता हुआ मिल जाएगा। यह मेहनती इंसान पटियाला जिले की राजपुरा तहसील के गांव बलसूआ का रहने वाला है। कृष्ण सिंह के नजदीकी साथी यादव सिंह दुखिया ने बताया कि गांव में पंचायत घर बनवाया। गांव में होने वाले झगड़ों को तो अपनी समझ से ही निपटा देता रहा। लेकिन गांव के एक बड़े अमीर व्यक्ति ने इसके घर पर जब्री कब्जा कर लिया।
घर से बेघर होने के बाद इंसाफ के लिए इसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया फिलहाल मामला विचाराधीन है। पिछले काफी समय से ही दुगरी नहर के नजदीक यहां कृष्ण सिंह जूतों की मुरम्मत करता है, वहीं एक झोपड़ी बना कर अपना जीवन बसर करने में ही अपना शान व आन समझता है। वह अपने जमीर को गिरवी रखने को तैयार नहीं और न ही अपनी 4 शादीशुदा लड़कियों के सिर पर बोझ बनने को तैयार है। यहां पर बता दें कि इसकी एक लड़की दुगरी में ही रहती है। कृष्ण सिंह की जीवन संगनी का कुछ वर्ष पहले देहांत हो गया था। दुखिया ने बताया कि सरपंच बनने से पहले भी कृष्ण सिंह गांव में जूतों की मुरम्मत का काम करता था और आज भी वह इस काम को करने में कोई शर्म महसूस नहीं करता। आज भी लोग इससे कई मामलों में सलाह मशविरा लेने की लिए आते हैं। ईमानदारी पर पहरा देते हुए मेहनत-मजदूरी करने वाले पूर्व सरपंच कृष्ण सिंह से आज के समाज को प्रेरणा लेने की जरूरत है।