मानसिक रोगी मां की ममता 9 घंटे बच्ची की लाश को छाती से लगाए बैठी रही

Edited By Updated: 24 Dec, 2015 11:06 AM

said the mental patient she sat hugging the body of her mother 9 hours

प्रशासन बेसहारा महिला और नवजन्मी बच्ची को संभाल के लिए नारी निकेतन भेजने का 24 दिनों तक भी इंतजाम नहीं कर पाया।इसके चलते बुधवार को नवजात बच्ची की मौत हो गई।

 लुधियानाः प्रशासन बेसहारा महिला और नवजन्मी बच्ची को संभाल के लिए नारी निकेतन भेजने का 24 दिनों तक भी इंतजाम नहीं कर पाया।इसके चलते  बुधवार को नवजात बच्ची की मौत हो गई।

 जिस  महिला को सिविल अस्पताल प्रबंधन मानसिक रोगी बता रहा है, वो नन्ही बेटी की लाश को नौ घंटे तक छाती से लगाकर बैठी रही। किसी ने लाश तक नहीं उठाई। वॉर्ड में बदबू फैलने पर लाश मोर्चरी में रखवाई गई।

जानकारी के अनुसार, 29 नवंबर को प्लेटफॉर्म पर महिला ने बच्ची को जन्म दिया था। जच्चा-बच्चा को इसी दिन मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। महिला की पहचान नहीं हो पाई थी। पहले दिन से ही जच्चा-बच्चा की संभाल अस्पताल के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी।  
 
 सोमवार को रोगी कल्याण समिति के सदस्य  एवं अन्न जल सेवा ट्रस्ट के प्रधान शिवराम सरोए ने जिला सामाजिक सुरक्षा अफसर (डी.एस.एस.ओ.) कुलविंदर कौर को फोन पर सारी बात बताई।

इन्होंने भी मामले को नजरअंदाज कर बोला कि इसमें डी.सी. के ऑर्डर पर ही कुछ हो सकता है। कागजी कार्रवाई शुरू होने के इंतजार में ही 24 दिन निकल गए। कार्रवाई के इंतजार में  बुधवार सुबह करीब छह बजे बच्ची की मौत हो गई।

स्टाफ का कहना है कि वे सुबह से ही लाश उठवाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन महिला उनके पीछे दौड़कर लाश छीन लेती थी। क्या इतने स्टाफ मेंबर एक महिला को काबू नहीं कर पाए? यह भी एक बड़ा सवाल है। 

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