जल्द जारी होगी कच्चे मुलाजिमों को रैगुलर करने की पॉलिसी

Edited By Updated: 27 Sep, 2016 01:25 PM

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लोकल बॉडीज विभाग के एडीशनल चीफ सैक्रेटरी सतीश चंद्रा ने म्यूनिसिपल कर्मचारी दल के पदाधिकारियों को विश्वास दिलाया है कि कच्चे मुलाजिमों को रैगुलर करने के लिए आदेश जल्द जारी किए जाएंगे।

लुधियाना : लोकल बॉडीज विभाग के एडीशनल चीफ सैक्रेटरी सतीश चंद्रा ने म्यूनिसिपल कर्मचारी दल के पदाधिकारियांे को विश्वास दिलाया है कि कच्चे मुलाजिमों को रैगुलर करने के लिए आदेश जल्द जारी किए जाएंगे। यहां बताना उचित होगा कि यूनियन द्वारा अपनी मांगों को लेकर लगातार 13 दिन तक जोन-ए ऑफिस के समक्ष धरना लगाया गया जिनका रोष यह था कि सरकार के क्लीयर आदेश होने व लिखित में मानने के बावजूद उनकी मांगों को लागू नहीं किया जा रहा है बल्कि उस प्रोसी¨डग को बदलने की कोशिश की गई जिसके आरोप में मेयर के खिलाफ रोजाना नारेबाजी करने सहित उनके पुतले भी जलाए गए लेकिन वह एक बार भी मुलाजिमांे की सुध लेने मौके पर नहीं आए।

इस पर यूनियन ने डिप्टी सी.एम. को मामले से अवगत करवाया कि मेयर द्वारा दलित व मुलाजिम विरोधी रवैया अपनाया जा रहा है, क्योंकि कमिश्नर द्वारा मीटिंग बुलाने के बावजूद संबंधित मामलांे का हल करने के लिए जनरल हाऊस में प्रस्ताव भेजने का अधिकार मेयर के पास ही होने की बात कही गई थी, जबकि मेयर इसके लिए तैयार नहीं हुए। सुखबीर बादल ने पहले यूनियन के नेताओं की अपने पास मीटिंग बुलाकर उनकी बात सुनी और फिर ए.सी.एस. के साथ उनकी मीटिंग तय करवाई जिसमें विजय दानव, लक्ष्मण द्रविड़, चौधरी यशपाल, मोहनवीर चौहान आदि मुख्य रूप से शामिल हुए जिनके द्वारा रखी कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने की मांग पर सतीश चंद्रा ने बताया कि इस संबंधी पूरे राज्य के लिए जल्द पॉलिसी जारी की जा रही है जिससे नई भर्ती करने का पहलू भी हल हो जाएगा। अन्य मांगों में से प्रमुख मृतक कर्मियों के वारिसांे को नौकरी देने के मामले में उन्होंने साफ किया कि जिस परिवार में से पहले कोई नौकरी करता है, उनके केस भी क्लीयर किए जाएंगे और आगे इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बकायदा प्रोफार्मा जारी किया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि नई भर्ती या रैगुलर होने वाल कर्मियों  को 3 साल तक बेसिक-पे की जगह डी.सी. रेट के हिसाब से वेतन मिलेगा और 2011 से पहले भर्ती हुए मुलाजिमों का स्टैप भी नहीं रुकेगा। जहां तक बाकी विभागों की तरह निगमों  में भी कैशलैस सेहत बीमा पॉलिसी लागु करने की मांग है, उस बारे सतीश चंद्रा ने कहा कि इसके लिए निगमों  को प्रस्ताव पास करके भेजना होगा। जिसमें 4 लाख तक कवर किया जाएगा। उससे ज्यादा खर्च पर री-इम्बर्समैंट लेनी होगी। इसके अलावा सफाई कर्मियों को पैंशन ऑप्शन फार्म भरने का एक और मौका देने का केस मंजूरी के लिए सी.एम. को भेजने का विश्वास दिलाया गया।  

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