Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 12:06 PM
एक ओर जहां केन्द्रीय रेल मंत्रालय यात्रियों की सुविधा के लिए कई प्रकार की सुविधाएं बढ़ाने संबंधी नित्य नई घोषणाएं कर रहा है, वहीं दूसरी ओर फिरोजपुर रेलवे डिवीजन ने दैनिक रेल यात्रियों के लिए मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं।
लुधियाना(सहगल): एक ओर जहां केन्द्रीय रेल मंत्रालय यात्रियों की सुविधा के लिए कई प्रकार की सुविधाएं बढ़ाने संबंधी नित्य नई घोषणाएं कर रहा है, वहीं दूसरी ओर फिरोजपुर रेलवे डिवीजन ने दैनिक रेल यात्रियों के लिए मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं। फलस्वरूप अमृतसर से अम्बाला के बीच रोज सफर करने वाले 17 हजार दैनिक रेल यात्रियों को रेलगाडिय़ों में खाली चल रहे स्लीपर कोच जिनकी बुकिंग दूरगामी स्टेशनों से होती है, में सफर करने पर रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे हजारों दैनिक यात्री, जिनमें महिलाएं व स्टूडैंट्स शामिल हैं, के लिए रेल में सफर करना मुश्किल हो गया है।
रेल अधिकारी करें सपरिवार साधारण डिब्बों में सफर
दैनिक रेल यात्रियों राजिन्द्र औलख, पंकज, विक्रांत बजाज, मुकेश ने कहा कि रेल मंत्रालय को फिरोजपुर डिवीजन के उच्चाधिकारियों को दैनिक रेल यात्रियों की मुश्किलों को जानने के लिए सपरिवार साधारण डिब्बों में यात्रा करने को कहा जाए, ताकि बेहतर तरीके से उनकी मुश्किलों को समझ पाएं। उन्होंने कहा कि रेलगाडिय़ों में तुरंत साधारण कोचों की संख्या बढ़ाई जाए, साधारण गाडिय़ों की संख्या बढ़ाई जाए और तब तक उन्हें खाली चल रहे स्लीपर कोच आदि में बैठने की अनुमति प्रदान की जाए।
न अतिरिक्त साधारण कोच और न गाडिय़ां
दैनिक रेलवे यात्री यूनियन के अजीत सिंह खालसा ने डिवीजनल रेल मैनेजर फिरोजपुर को पत्र लिखकर कहा है कि वह दैनिक रेल यात्रियों की सुविधा के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि दैनिक रेल यात्रियों को स्लीपर कोच में बैठने की सुविधा नहीं दी जाती परंतु मासिक पास वाले जनरल कोच में कैसे सफर करें, क्योंकि रेल विभाग ने कई वर्षों से बार-बार इस ओर ध्यान दिलाने के बावजूद रेलगाडिय़ों में साधारण कोचों की संख्या नहीं बढ़ाई और न ही पैसेंजर गाडिय़ां चलाई गई हैं। ऐसी बहुत सी गाडिय़ां अमृतसर व अम्बाला के बीच चलती हैं, जिनके स्लीपर कोच की बुकिंग अम्बाला आदि स्टेशनों से होती है। उनमें दैनिक यात्रियों को बैठने की अनुमति प्रदान की जा सकती है। अपने लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि 17 हजार मासिक पास जारी करने से पहले रेल विभाग को उनकी सुविधा के बारे में भी सोचना चाहिए था। वह बेवजह दैनिक यात्रियों से टकराव की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक गाड़ी में & स्लीपर कोच हों तो 210 यात्रियों के बैठने की सुविधा हुई। इसमें आम यात्री भी सफर कर रहे होते हैं। ऐसे में क्या दैनिक रेल यात्री लटक कर सफर करें।
टकराव के चक्कर में अतिरिक्त आमदनी नजरअंदाज
कई रेल यात्रियों का कहना है कि रेल अधिकारी टकराव के चक्कर में अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी नजरअंदाज कर रहे हैं। वे चाहे तो कम दूरी के लिए खाली चल रहे स्लीपर कोच में बैठने के लिए अतिरिक्त पैसे लेकर पास जारी कर सकते हैं। इससे रेल विभाग को अतिरिक्त आमदनी होगी और विभाग का रैवेन्यू बढ़ेगा परंतु रेल मंत्रालय के दृष्टिकोण के विपरीत वह यात्रियों की असुविधा बढ़ाने के लिए नादरशाही फरमान जारी कर रहे हैं। इससे पहले रेल विभाग फस्र्ट क्लास का पास भी बनाता था, जिसे अब बंद कर दिया गया है। इसकी तर्ज पर स्लीपर कोच के पास जारी किए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय से करेंगे सम्पर्क
दैनिक रेल यात्रियों ने इस मसले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से सम्पर्क करने का फैसला किया है। यूनियन के पदाधिकारी अजीत सिंह खालसा ने कहा कि वह
प्रधानमंत्री कार्यालय से सम्पर्क करके इस मसले में हस्तक्षेप करने को कहेंगे। साथ ही टकराव की स्थिति पैदा करने वाले अधिकारियों को बदलने को कहा जाएगा। इस सिलिसिले में डिवीजनल रेल मैनेजर फिरोजपुर से सम्पर्क किया परंतु वह इस मसले पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए।