Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Feb, 2018 01:10 PM
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 28 फरवरी से शुरू हो रही परीक्षाओं में अगर किसी कर्मचारी ने बोर्ड द्वारा लगाई परीक्षा ड्यूटी करने से आनाकानी की तो ऐसे कर्मचारी पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी। यही नहीं बोर्ड द्वारा लगाई जाने वाली किसी भी तरह की ड्यूटी को...
लुधियाना(विक्की): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 28 फरवरी से शुरू हो रही परीक्षाओं में अगर किसी कर्मचारी ने बोर्ड द्वारा लगाई परीक्षा ड्यूटी करने से आनाकानी की तो ऐसे कर्मचारी पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी। यही नहीं बोर्ड द्वारा लगाई जाने वाली किसी भी तरह की ड्यूटी को अब जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर (डी.ई.ओ.) बदल या काट नहीं पाएंगे।परीक्षाओं के सुचारू ढंग से संचालन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के सैक्रेटरी कृष्ण कुमार ने समूह डी.ई.ओज को हिदायतें जारी कर दी हैं। इन हिदायतों में इस बार पहले से ही बाकायदा प्रत्येक उस बात का जिक्र किया गया जो बोर्ड व विभागीय टीमों को हर बार खटकती हैं, लेकिन परीक्षा केंद्रों में नियमों का पालन नहीं किया जाता। यहां बता दें कि 28 फरवरी से कक्षा 12वीं और 12 मार्च से कक्षा 10वीं की परीक्षाएं शुरू होंगी।
ड्यूटी कटवाने को चलती हैं सिफारिशें व बहानेबाजी
जानकारी के मुताबिक प्रति वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी लगने पर कई अध्यापक अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए सिफारिशों या बहानेबाजियों का सहारा लेते हैं। ऐसे में कई बार परीक्षा केंद्रों में स्टाफ कम पड़ जाता है। इस बार शिक्षा विभाग पूरी तरह से संजीदगी बरत रहा है ताकि किसी भी परीक्षा केंद्र में कोई दिक्कत न आए। इसके लिए बोर्ड के चेयरमैन एवं शिक्षा विभाग के सैक्रेटरी कृष्ण कुमार ने परीक्षााओं से पहले ही लिखित में कई आदेश जारी कर दिए हैं।
नकल की शिकायत आई सामने तो डी.ई.ओज होंगे जवाबदेह
विभाग ने नकलरहित परीक्षाएं करवाने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए डी.ई.ओज के कंधों पर भी इसकी जिम्मेदारी डाल दी है। सैक्रेटरी एजुकेशन ने साफ कहा कि अगर किसी जिले से नकल की शिकायत सामने आती है तो बाकी एक्शन के साथ संबंधित जिले के डी.ई.ओ. से भी जवाबतलबी की जाएगी। विभाग ने स्प्ष्ट कर दिया है कि परीक्षाओं को सुचारू ढंग से करवाने के लिए पूरी जिम्मेदारी डी.ई.ओज की ही है।
मैडीकल केस में एस.एम.ओ. का सर्टीफिकेट होगा मान्य
विभाग ने स्पष्ट कहा कि बोर्ड द्वारा लगाई गई किसी भी ड्यूटी को डी.ई.ओज न तो काट सकते हैं और न उसमें कोई बदलाव कर सकते हैं। किसी विशेष हालत में अगर ऐसा करने की आवश्यकता पड़े तो सिर्फ उसी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए जिसे बोर्ड ने अपनी लिस्ट में सरप्लस स्टाफ के रूप में बताया हो। ऐसा करने से पहले बोर्ड के संयुक्त सचिव परीक्षाओं के अलावा कम्प्यूटर विभाग के डायरैक्टर को सूचित करना होगा। यही नहीं मैडीकल से संबंधित केसों में सीनियर मैडीकल ऑफिसर द्वारा जारी सर्टीफिकेट ही मान्य होगा।
परीक्षा स्टाफ के काम में खलल डाला तो पुलिस करेगी कार्रवाई
सैक्रेटरी एजुकेशन ने आदेशों में कहा कि किसी भी परीक्षा केंद्र में अध्यापक की बतौर सुपरिंटैंडैंट लगाई ड्यूटी को अगर कर्मचारी करने में आनाकानी करता है तो उसका नाम सीधा विभाग को भेजा जाए ताकि उस पर नियमों के मुताबिक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इसके अलावा परीक्षा केंद्र में ड्यूटी निभाने वाले स्टाफ को अगर किसी तरह की परेशानी बाहरी व अंदरूनी होती है तो ड्यूटी में बाधा डालने वाले के खिलाफ तुरंत पुलिस को सूचित करके मामला दर्ज करवाया जाए।
सैक्रेटरी एजुकेशन ने जारी की ये हिदायतें
-सभी परीक्षा केंद्रों में ग्राऊंड फ्लोर पर बनेंगे सैंटर।
-परीक्षा केंद्र के मुख्य गेट पर नहीं लगेगा ताला।
-परीक्षा केंद्रों के इर्द-गिर्द लगेगी धारा-144।
-स्कूल पिं्रसीपल परीक्षा केंद्र में नहीं करेंगे कोई दखलअंदाजी।
-स्कूल क्लर्क की परीक्षा केंद्र के किसी भी कमरे में एंट्री पर रोक।
-पानी पीने वाले स्थान व टॉयलेट के आसपास नकल सामग्री न होने की जिम्मेदारी कंट्रोलर की।
-चतुर्थ श्रेणी कर्मी परीक्षा केंद्रों में पानी लेकर नहीं घूमेंगे।
-डी.सी. व एस.डी.एम. भी नियुक्त करेंगे अपने निगरान।
-सैंटर सुपरिंटैंडैंट की होगी संचालन की जिम्मेदारी।
-सामूहिक नकल का मामला सामने आने पर परीक्षा केंद्र का पेपर होगा रद्द।
-संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर पुलिस की भी होगी नजर।
-नकल करवाने में सहयोग देने वाले अध्यापक पर एफ.आई.आर. दर्ज करने की होगी सिफारिश।
-जिस दिन पेपर नहीं होगा उस दिन भी स्टाफ स्कूलों में उपस्थित रहेगा।
-एस.एस.ए. दफ्तर में बनाए जाएंगे जिला स्तर पर कंट्रोल रूम।