Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 12:18 PM
देश की तीनों प्रमुख तेल कम्पनियों द्वारा पैट्रोल पम्पों के डीलरों के नाम पर जारी की गई एम.डी.जी. (मार्कीटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइंस) को अधिकतर पैट्रोल पम्पों के कर्मी ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं।
लुधियाना (खुराना): देश की तीनों प्रमुख तेल कम्पनियों द्वारा पैट्रोल पम्पों के डीलरों के नाम पर जारी की गई एम.डी.जी. (मार्कीटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइंस) को अधिकतर पैट्रोल पम्पों के कर्मी ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं। हालांकि नियमों के मुताबिक कम्पनी द्वारा तय की गई उक्त सेवाओं को नजरअंदाज करने पर डीलरों को भारी भरकम जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद डीलर नियमों की परवाह नहीं कर रहे हैं। ऐसे में संबंधित कम्पनियों के लोकल सेल्स अफसरों की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में आ सकती है।
क्या है नियम
कम्पनी द्वारा जारी एम.डी.जी. में साफतौर पर जिक्र किया गया है कि प्रत्येक पैट्रोल पम्प पर ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए स्वच्छ पेयजल के अलावा नॉर्मल पानी गाडिय़ों में डालने, वाहनों के पहियों में हवा भरने, महिलाओं-पुरुषों के प्रयोग को साफ-सुथरे शौचालय, फस्र्ट एड, टैलीफोन सेवाएं आदि होना आवश्यक हैं। जो डीलर शर्तों को पूरा नहीं करेगा उसके खिलाफ जुर्माना व अन्य कार्रवाई की जा सकती है।
क्या कहते हैं कम्पनी के सेल्स अफसर
वहीं दूसरी ओर तेल कम्पनियों के सेल्स अफसर सोनू सिंह (इंडियन ऑयल) व रिशु चौधरी (एच.पी. कम्पनी) ने हैरानीजनक जवाब देते हुए कहा कि हवा भरने का मामला व पेयजल के उचित प्रबंध न होने संबंधी वह पहले पम्प मालिकों से बात करेंगे। रिशु चौधरी ने कहा कि सर्दियों के कारण हो सकता है कि पीने के पानी वाले कूलर को पम्प मालिकों द्वारा बंद कर दिया गया हो लेकिन जब उक्त अधिकारियों से पूछा गया कि क्या कोई पैट्रोल पम्प मालिक ऐसा कर सकता है या नियम यह इजाजत देता है तो उन्होंने कहा कि नियमों से खिलवाड़ करने वाले पम्प मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या है हकीकत
शहर के अधिकतर पैट्रोल पम्पों पर नियमों को ताक पर रखकर ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं को पूरी तरह से दरकिनार किया जा रहा है। अगर जालंधर बाईपास चौक के निकट पड़ती दाना मंडी के साथ लगते इंडियन ऑयल कम्पनी के पैट्रोल पम्प की बात करें तो वहां पर कम्पनी द्वारा लगाई गई हवा चैक करने वाली मशीन कबाड़ का रूप धारण कर चुकी है और पम्प मालिक द्वारा पंक्चर लगाने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति को पम्प की बाऊंड्री में ही किराए के रूप में बूथ बनाकर दिया गया है, जहां पर ग्राहकों को खुद ही अपने वाहनों में हवा भरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जो कम्पनियों के नियमों के विपरीत है। अन्य मामले में शिवपुरी चौक से सटे एच.पी.सी. कम्पनी के पैट्रोल पम्प पर जहां पेयजल का कोई उचित प्रबंध ही नहीं है, वहीं हवा भरने की मशीन को भी बैरिकेड लगाकर बंद रखा गया है। जो कम्पनी के अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है, जो अपने अधिकार क्षेत्रों के पैट्रोल पम्पों की अनदेखियों पर पर्दा डालने में लगे रहते हैं।
क्या कहते हैं पैट्रोल पम्प मैनेजर
उक्त मामले में दाना मंडी के निकट पड़ते पैट्रोल पम्प मैनेजर ने कहा कि उनके पैट्रोल पम्प हवा भरने के लिए स्थापित बूथ पर लड़का बैठा है लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उक्त लड़के के मुताबिक वह बूथ का किराया भरता है और उसके कहने पर वाहनों में हवा भरना उसका काम नहीं है तो उन्होंने कहा कि पम्प पर हवा भरने के लिए किसी लड़के की ड्यूटी लगा दी जाएगी। शिवपुरी चौक से सटे एच.पी. कम्पनी के मैनेजर ने पीने के पानी संबंधी उचित प्रबंध न होने का जवाब देते हुए कहा कि पम्प के साथ लगते बिजली के ट्रांसफर से करंट आने के कारण पानी की टंकी 1 दिन पहले ही बंद की गई है। जब उन्हें टंकी कई दिनों से खराब पड़ी होने व हवा भरने की मशीन के आगे लगे बैरिकेड्स लगे होने की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि जल्द ही उक्त समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
नियमों से खिलवाड़ करने पर लगने वाले जुर्माने का ब्यौरा
हवा भरने के उचित प्रबंधन न होना - पहली बार वार्निंग, दूसरी बार 10,000 रुपए जुर्माना।
पेयजल का उचित प्रबंध न होना - पहली बार चेतावनी, दूसरी बार 10,000 रुपए जुर्माना।
शौचालय न होना अथवा साफ न होना - पहली बार में ही 15,000 रुपए जुर्माना।
टैलीफोन - लैंडलाइन फोन न होने पर बदलाव के रूप में ग्राहक को मोबाइल फोन उपलब्ध करवाना।
फस्र्ट एड सेवा - फस्र्ट एड न होने पर जुर्माने का प्रावधान नहीं है, बल्कि पम्प को एडवाइजरी पत्र जारी करना।
रोजाना पैट्रोल-डीजल के नए रेट का ब्यौरा साफ-साफ लिखना और प्लास्टिक कैन में पैट्रोल की बिक्री पर पाबंदी।