Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Dec, 2017 02:57 PM
री-एडमिशन या एनुअल चार्जिस को लेकर स्कूलों व पेरैंट्स के मध्य पिछले लंबे समय से चल रहा विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस शृंखला में अब आत्म देवकी निकेतन सी.सै. स्कूल पेरैंट्स एसोसिएशन ने शनिवार को स्कूल पर उनके बच्चों की दिसम्बर टैस्टों की...
लुधियाना (विक्की): री-एडमिशन या एनुअल चार्जिस को लेकर स्कूलों व पेरैंट्स के मध्य पिछले लंबे समय से चल रहा विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस शृंखला में अब आत्म देवकी निकेतन सी.सै. स्कूल पेरैंट्स एसोसिएशन ने शनिवार को स्कूल पर उनके बच्चों की दिसम्बर टैस्टों की उत्तर-पुस्तिकाएं पी.टी.एम. के दौरान न दिखाने का आरोप लगाया है।
एसोसिएशन ने स्कूल से कुछ दूरी पर पेरैंट्स की समस्याएं सुनने के लिए कैम्प लगाया। एसो. के प्रधान जसवंत सिंह ने बताया कि स्कूल द्वारा एसो. से जुड़े पेरैंट्स पर बच्चों की री-एडमिशन फीस जमा करवाने का दबाव बनाया जा रहा है। फिलहाल यह मामला डिवीजनल कमिश्नर के पास लंबित है लेकिन फिर भी स्कूल अपनी मनमानी कर रहा है।
पेरैंट्स एसोसिएशन ने ये लगाए आरोप
आत्म देवी निकेतन स्कूल पेरैंट्स एसो. ने आरोप लगाया कि स्कूल की पी.टी.एम. में उन बच्चों के पेरैंट्स को दिसम्बर टैस्ट की उत्तर-पुस्तिकाएं नहीं दिखाईं, जिनकी री-एडमिशन फीस पैंडिंग है। उन्होंने कहा कि स्कूल की ओर से कहा जा रहा है कि जब तक री-एडमिशन फीस जमा नहीं होती, तब तक बच्चों की उत्तर-पुस्तिकाएं नहीं दिखाई जाएंगी। वहीं बच्चों को फाइनल परीक्षाओं में भी न बिठाने की बात भी कही जा रही है। स्कूल की ओर से बच्चों की डायरी पर भी इस संबंधी नोटिस दिए जा रहे हैं। एसो. ने कहा कि पेरैंट्स ने आज कई बार बच्चों की आंसर शीट्स दिखाने के लिए कहा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
मौके पर पहुंची पुलिस
पेरैंट्स की स्कूल के बाहर बढ़ती गिनती देख मौके पर थाना डिवीजन नंबर-2 की पुलिस पहुंच गई। इसी बीच विधायक सुरिंद्र डाबर ने भी मौके पर पहुंचकर पेरैंट्स की बात सुनकर स्कूल मैनेजमैंट व प्रिंसीपल के साथ मीटिंग की। अभिभावकों ने बताया कि डाबर द्वारा एसोसिएशन की स्कूल मैनेजमैंट व प्रिंसीपल के साथ करवाई मीटिंग में स्कूल ने आश्वासन दिया कि पेरैंट्स को छुट्टियों के बाद बच्चों की आंसर शीट्स 8 जनवरी को दिखाई जाएंगी।
पेरैंट्स बिना वजह दे रहे मामले को तूल : प्रिंसीपल
प्रिंसीपल मृदु अब्लिश ने कहा कि पेरैंट्स बिना किसी बात के मामले को तूल दे रहे हैं। स्कूल ने बच्चों के टैस्ट लिए हैं तो आंसर शीट्स दिखाने में भी उन्हें कोई एतराज नहीं है लेकिन पेरैंट्स को बच्चों की पैंडिंग फीस भी तो जमा करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेरैंट्स ने सितम्बर में बकायदा लिखित में दिया था कि वे दिसम्बर तक बच्चों की बकाया फीस जमा करवा देंगे लेकिन जब दिसम्बर में फीस मांगी गई तो वे अब स्कूल पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बच्चों को फाइनल परीक्षाओं में बैठने से रोकने संबंधी पेरैंट्स द्वारा लगाए गए आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया।