Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 11:29 AM
नगर निगम चुनावों के लिए जारी की गई नई वार्डबंदी पर एतराज मांगने की डैडलाइन 28 दिसम्बर को खत्म होने के बाद फाइनल नोटीफिकेशन जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जानकारी मुताबिक नई वार्डबंदी के ड्राफ्ट पर नगर निगम को जो 264 एतराज प्राप्त हुए हैं।...
लुधियाना(हितेश): नगर निगम चुनावों के लिए जारी की गई नई वार्डबंदी पर एतराज मांगने की डैडलाइन 28 दिसम्बर को खत्म होने के बाद फाइनल नोटीफिकेशन जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जानकारी मुताबिक नई वार्डबंदी के ड्राफ्ट पर नगर निगम को जो 264 एतराज प्राप्त हुए हैं। उसकी प्वाइंट वाइज रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी गई है, जिस पर डायरैैक्टर लोकल बॉडीज द्वारा हरेक एतराज को रद्द या मंजूर करने के लिए बकायदा डिटेल स्पीकिंग ऑर्डर जारी करने होंगे।जो प्रक्रिया वैसे तो नववर्ष के पहले दिन पूरी करने की योजना बनाई गई थी।
लेकिन एतराज जताने को लेकर विरोधी पार्टियों द्वारा जताए गए रुख को देखते हुए सरकार ने रणनिति में कुछ बदलाव किया है। सूत्रों के मुताबिक एतराजों पर फैसला लेने के मामले में सरकार इस बात को ध्यान में रखकर काम कर रही है कि नई वार्डबंदी के खिलाफ कोर्ट केस होने की सम्भावनाओं को किसी तरह कम किया जाए। इसके तहत ऐसे एतराज छांटे जा रहे हैं, जिसमें नए बने वार्डों की आबादी या बाऊंड्री को लेकर मामूली फेरबदल करने की मांग की गई है। लोगों के एतराज स्वीकार करने बारे कोर्ट में जवाब देने के लिए सरकार के पास रिकार्ड भी तैयार हो जाएगा।
जल्द नोटीफिकेशन जारी करवाने के लिए आज सिद्धू से मिलेंगे कांग्रेसी विधायक
नगर निगम चुनावों को लेकर जनवरी के आखिरी या फरवरी के दूसरे हफ्ते में वोटिंग करवाने का शैड्यूल जारी होने की अटकलें लग रही हैं। यह वार्डबंदी का फाइनल नोटीफिकेशन जारी होने में लगने वाले समय पर निर्भर करेगा। जो काम जल्द निपटाने का दबाव बनाने के लिए कांग्रेसी विधायक मंगलवार को लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू से मिलने जा रहे हैं। जिस दौरान वार्डबंदी का खाका बदलने को लेकर भी चर्चा होगी।
भाजपा ने डायरैक्टर पर लगाया पक्ष रखने के लिए समय न देने का आरोप
नई वार्डबंदी को लेकर भाजपा ने भले ही अपने एतराज नगर निगम के पास दर्ज करवा दिए हैं। लेकिन उसके द्वारा डायरैक्टर लोकल बॉडीज के समक्ष भी अपना पक्ष रखने का प्रोग्राम बनाया गया है। नववर्ष के पहले दिन का शैड्यूल बनाकर वकीलों का पैनल भी तैयार कर लिया गया था, जो प्लानिंग एनवक्त पर सिरे नहीं चढ़ी। जिला प्रधान रविन्द्र अरोड़ा ने डायरैक्टर पर मिलने का समय न देने का आरोप लगाया है। अरोड़ा के मुताबिक जो एतराज हमने दिया है उस पर फैसला लेने से पहले डायरैक्टर को उनका पक्ष सुनना चाहिए। क्योंकि एक तो वार्डबंदी का नक्शा उस समय जारी किया गया जब आगे 3 सरकारी छुट्टियां थीं और फिर नक्शे को इतनी ऊंचाई पर टांग दिया गया कि कोई देखकर उसकी बाऊंड्री ही न समझ पाए। जिस मुद्दे पर भाजपा द्वारा कोर्ट जाने की तैयारी भी की जा रही है।