Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 11:23 AM
नगर निगम चुनाव के लिए हुई नई वार्डबंदी के प्रभाव के चलते बाहरी इलाके में दावेदारी जताने वालों की संख्या बढ़ गई है, जिससे सियासी पाॢटयों के अलावा इलाके के लोग भी खासे परेशान नजर आ रहे हैं। नगर निगम चुनाव के लिए वार्डों की संख्या 75 से बढ़ाकर 95 की गई...
लुधियाना(हितेश): नगर निगम चुनाव के लिए हुई नई वार्डबंदी के प्रभाव के चलते बाहरी इलाके में दावेदारी जताने वालों की संख्या बढ़ गई है, जिससे सियासी पाॢटयों के अलावा इलाके के लोग भी खासे परेशान नजर आ रहे हैं। नगर निगम चुनाव के लिए वार्डों की संख्या 75 से बढ़ाकर 95 की गई है। नई वार्डबंदी में लगभग सभी वार्डों की बाऊंड्री बदल गई है, इससे अपने प्रभाव वाले एरिया कट जाने से विरोधी पार्टियों के अलावा कांग्रेसी नेता भी चिंतित हैं।
नई वार्डबंदी में अधिकतर वार्डों की रिजर्वेशन भी बदल गई है, जिसकी वजह 50 फीसदी वार्ड लेडीज के लिए रिजर्व किए जाने का फैसला है। इसी तरह कई पुराने जनरल वार्ड अब एस.सी./बी.सी. कैटागिरी के लिए रिजर्व कर दिए गए हैं। इन हालातों के चलते कई नेताओं की सियासी जमीन छीन गई है जिनमें से कइयों ने तो लेडीज रिजर्व वार्ड होने पर परिवार की किसी भी महिला सदस्य को चुनाव लड़वाने की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन जिनके वार्ड एस.सी. कैटागिरी के लिए रिजर्व हुए हैं वे दूसरे एरिया में दावेदारी पेश करने में जुट गए हैं।इसका असर यह हुआ कि जिन इलाकों में नए नेताओं की एंट्री हुई वहां उन्होंने होॄडग लगाने सहित सोशल मीडिया पर प्रचार तेज कर दिया है, जिससे उन इलाकों में पहले से काम कर रहे वर्कर्स विश्वास में न लेने के मुद्दे पर नाराज हो गए हैं, जिन्हें मनाने के लिए सियासी पार्टियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
अगर विरोध के यह हालात काबू में न आए तो सियासी पार्टियों के अलावा उनके उम्मीदवारों के लिए जीत का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो सकता है। उधर, सियासी पार्टियों व उनकी टिकट के दावेदारों की इस लड़ाई से लोग काफी परेशान हो रहे हैं। अभी चुनाव के शैड्यूल का ऐलान हुआ नहीं कि उनके पास वोट मांगने वाले भी पहुंचने शुरू हो गए हैं। इनमें से कई ऐसे लोगों की सिफारिश तक आ रही है जिनको लोगों ने कभी देखा तक नहीं है। बाहरी इलाके के उम्मीदवारों को कई जगह तो पहले पार्टी की टिकट मिलने तक इंतजार करने का जवाब भी मिल रहा है।