Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 06:31 PM
नगर निगम चुनावों में जाली वोटिंग व बूथ कैप्चरिंग होने के आरोपों का नोटिस लेते हुए स्टेट इलैक्शन कमिश्नर ने वार्ड नं. 44 के 2 पोलिंग स्टेशनों पर सोमवार को दोबारा वोटिंग करवाने का फैसला किया है। जिसके लिए रजिस्टर व मशीन में वोटों की संख्या में अंतर...
लुधियाना (हितेश): नगर निगम चुनावों में जाली वोटिंग व बूथ कैप्चरिंग होने के आरोपों का नोटिस लेते हुए स्टेट इलैक्शन कमिश्नर ने वार्ड नं. 44 के 2 पोलिंग स्टेशनों पर सोमवार को दोबारा वोटिंग करवाने का फैसला किया है। जिसके लिए रजिस्टर व मशीन में वोटों की संख्या में अंतर होने का हवाला दिया गया है।
महिला की वायरल वीडियो का हुआ असर
स्टेट इलैक्शन कमिश्नर द्वारा वार्ड नं. 44 के 2 पोलिंग स्टेशनों पर दोबारा वोटिंग करवाने बारे लिए गए फैसले को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें से एक वीडियो में महिला ने वार्ड नं. 44 के बूथ पर फर्जी वोटिंग के मामले का खुलासा किया है जो महिला कह रही है कि जब वह वोट डालने गई तो वहां काफी लोग वोट डाल रहे थे, जिन्होंने उसे एक तरफ बिठा दिया और बाद में कह दिया कि उनकी वोट तो डाली जा चुकी है। अगर किसी और की वोट डालनी है तो वह डाल सकती हैं, जिसे महिला ने लोकतंत्र के साथ मजाक बताया है। इसके अलावा वार्ड नं. 44 में ही एक गाड़ी में सवार युवकों द्वारा राशन बांटने की वीडियो वायरल हो रही है।
पुलिस की मदद से बूथ कैप्चरिंग होने के आरोपों वाली वीडियो भी आई सामने
स्टेट इलैक्शन कमिश्नर द्वारा सीनियर सिटीजन होम स्थित वार्ड नं. 44 के जिस पोङ्क्षलग स्टेशन पर दोबारा वोटिंग करवाने का फैसला किया है उस पर शनिवार को बूथ कैप्चरिंग होने की 8 मिनट की एक वीडियो सामने आई है। जिसमें पहले बाहरी एरिया में स्थित एक पुलिस स्टेशन का इंस्पैक्टर भारी फोर्स के साथ मौके पर आती है और फ्लैग मार्च के रूप में पोङ्क्षलग स्टेशन का राऊं ड लगाने के बाद मेन गेट पर आकर डेरा जमा लेता है। इसी बीच कई गाडिय़ों में आए काफी लोग पोलिंग स्टेशन के अंदर घुस जाते हैं, जिन लोगों की सुविधा के लिए पोङ्क्षलग बूथ के बाहर तैनात पुलिस कर्मियों को उक्त इंस्पैक्टर द्वारा हटाने का दृश्य भी वीडियो में कैद है। यह सभी लोग काफी देर तक पोङ्क्षलग स्टेशन के अंदर रहते हैं और फिर पुलिस व ये लोग अलग-अलग होकर वहां से निकलते हैं। जिसे लेकर एक एडवोकेट ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि वीडियो में कैद लोगों में शामिल एक युवक ने बूथ कैप्चरिंग करने की कोशिश की और विरोध करने वालों को धमकाया भी। जिस युवक की वोटिंग मशीन के पास खड़े होने की फोटो भी सामने आ चुकी है।
डी.सी. व ऑब्जर्वर की रिपोर्ट बनी आधार
जिला प्रशासन द्वारा जारी पै्रस नोट में स्टेट इलैक्शन कमिश्नर के हवाले से बताया गया कि वार्ड नं. 44 के 2 पोङ्क्षलग स्टेशनों पर दोबारा वोटिंग करवाने बारे फैसला लेने के लिए डी.सी. प्रदीप अग्रवाल व ऑब्जर्वर परमजीत सिंह की रिपोर्ट को आधार बनाया गया है।
अवैध विज्ञापनबाजी को लेकर भी सुर्खियों में रहा वार्ड नं. 44
चुनावों की शुरूआत से ही वार्ड नं. 44 का विवादों के साथ नाता रहा है जिसमें सबसे प्रमुख मामला अवैध विज्ञापनबाजी का है। जिसके तहत इलाके में बड़े पैमाने पर होॄडग, पोस्टर, बैनर व झंडे लगाए गए थे लेकिन फीस जमा करके उनकी मंजूरी देने बारे नगर निगम के पास कोई रिकार्ड नहीं था, बल्कि विरोधी पाॢटयों ने कांग्रेस को छोड़कर उनके बोर्डों को निशाना बनाने का आरोप तक लगाया था लेकिन हालात अब तक नहीं बदले।
बागी बने रहे सिरदर्द
इस वार्ड में कांग्रेस की टिकट के जो दावेदार थे वे बाहर से विधायक कुलदीप सिंह के बेटे को टिकट देने को लेकर खिलाफ हो गए जिनमें से कुछ दावेदार उनके साथ तो चल पड़े थे लेकिन दिल से काम किया या नहीं वह तो नतीजा आने पर ही पता चलेगा। कांग्रेस के बागी जसबीर जस्सल आजाद खड़े हो गए जिनको बिठाने की कोशिश कामयाब नहीं हुई। इस पर देर रात उनके घर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई लेकिन जस्सल ने गेट नहीं खोला और फेसबुक पर लाइव होकर अपने समर्थक इकट्ठे कर लिए जिन्होंने विरोध करके पुलिस को वापस लौटा दिया जिसके बाद जस्सल ने अपने प्रचार को और ’यादा मजबूत कर लिया। इसी तरह अकाली दल के बागी हरपाल कोहली ने भी हाईकमान की लाख कोशिशों के बावजूद आजाद तौर पर लड़ाई लड़ी।
दोबारा वोटिंग का ऐलान होते ही प्रचार में जुटी पार्टियां
जैसे ही वार्ड नं.-44 2 बूथों पर दोबारा वोटिंग करने का फैसला हुआ, उसकी सूचना मिलते ही सारी पार्टियों के उम्मीदवार व उनके समर्थक फिर से इलाके में सक्रिय हो गए, जिनमें बड़े नेता भी शामिल थे और उन्होंने डोर-टू-डोर प्रचार के अलावा वोटरों की रिझाने की कोशिश भी की।