Edited By Updated: 30 Aug, 2016 03:38 PM
विवाह समारोह में वर अथवा वधू के करीबी रिश्तेदार के हाथ आभूषणों व नकदी से भरे बैग के पलक झपकते ही गायब
लुधियाना (पंकज): विवाह समारोह में वर अथवा वधू के करीबी रिश्तेदार के हाथ आभूषणों व नकदी से भरे बैग के पलक झपकते ही गायब हो जाने संबंधी हो रही वारदातों के पीछे शहर में सक्रिय विशेष गिरोह का हाथ है जोकि पकड़े जाने से बचने के लिए छोटे बच्चों से वारदातों को अंजाम दिला रहा है और ज्यादातर मामलों में मिली कामयाबी ने इस गिरोह के हौसले बुलंद कर दिए हैं।
रविवार को फील्डगंज एरिया में दूल्हे के पिता के हाथ से पलक झपकते गायब हुआ नकदी व आभूषणों से भरा बैग इसी गिरोह द्वारा की जा रही वारदातों का हिस्सा है। असल में उक्त गिरोह के सदस्य पहले खुद चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे और पकड़े जाने का खतरा ज्यादा होने के कारण उन्होंने वारदात का तरीका बदलते हुए 10 से 15 वर्ष के बच्चों जिनमें लड़के व लड़कियां दोनों शामिल हैं, को आगे करना शुरू कर दिया। अगर मासूम बच्चा कहीं पकड़ा भी जाता है तो पीड़ित परिवार हो चाहे पुलिस, उसकी उम्र देख ज्यादातर डांट-डपटकर उसे छोड़ देने में ही ज्यादा विश्वास रखते हैं। पुलिस व जनता की इसी रहमदिली का गिरोह द्वारा फायदा उठाते हुए धड़ाधड़ वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है।
क्या है तरीका
असल में टीम लीडर वारदात को अंजाम देने वाले बच्चों के इर्द-गिर्द ही सक्रिय रहता है और जैसे ही आरोपी बच्चा वारदात को अंजाम देकर बाहर निकलता है, वैसे ही उससे चुराया सामान खुद पकड़कर आगे अपने साथी के हवाले कर देता है जोकि तुरंत घटनास्थल से निकल जाता है ताकि अगर शोर मच भी जाए तो बच्चे के पास से कुछ भी रिकवरी न हो पाए।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं नन्हे नौसरबाज
ऐसा नहीं है कि यह खेल अभी शुरू हुआ है अपितु पहले भी विभिन्न थानों की पुलिस ऐसे नन्हे नौसरबाजों को गिरफ्तार कर चुकी है परन्तु कम उम्र व मासूम चेहरों की वजह से जल्द ही ये कानून की गिरफ्त से छूट जाते हैं।
बाहरी राज्यों के हैं बच्चे
इस खेल में गिरोह द्वारा मुख्यत: बाहरी राज्यों के गरीब घरों के बच्चों को ही अपना हथियार बनाया जाता है जिनके गरीब अभिभावक अपनी आर्थिक हालत के चलते मजबूरन अपने बच्चों को उनके साथ पैसों के लालच में भेज देते हैं।
बड़े मॉल्ज व भीड़भाड़ वाले इलाके मुख्य निशाना
शादी समारोह के सीजन में उक्त गिरोह के निशाने पर भीड़भाड़ वाले इलाके व मॉल्ज में स्थित शोरूम होते हैं। ये लोग उक्त स्थानों पर अपने साथ लाए बच्चों को सॉफ्ट टारगेट की तलाश कर पीछे लगा देते हैं और जैसे ही मौका मिलता है, ये नन्हे खिलाड़ी पर्स, मोबाइल व अन्य कीमती सामान चुराकर पलक झपकते ही गायब हो जाते हैं।