Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 01:59 PM
आयकर विभाग (इन्वैस्टीगेशन विंग) द्वारा कल बाठ व उप्पल की फर्मों की सर्च करने के बाद आज भी सारा दिन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा जांच का कार्य जारी रखा गया। सर्च का कार्य कल दोपहर तक सम्पन्न होने की उम्मीद है। इन्वैस्टीगेशन विंग के प्रिंसीपल...
जालंधर/लुधियाना(धवन/सेठी): आयकर विभाग (इन्वैस्टीगेशन विंग) द्वारा कल बाठ व उप्पल की फर्मों की सर्च करने के बाद आज भी सारा दिन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा जांच का कार्य जारी रखा गया। सर्च का कार्य कल दोपहर तक सम्पन्न होने की उम्मीद है। इन्वैस्टीगेशन विंग के प्रिंसीपल डायरैक्टर परनीत सचदेव के निर्देशों पर की गई कार्रवाई के तहत आज जालंधर में माडल टाऊन स्थित 165 आर. कोठी, जोकि पवित्र सिंह उप्पल की बताई जाती है, की दीवारों व जमीन की सर्च पंजाब पुलिस से मंगवाई गई मैटल डिटैक्टर्स टीमों से करवाई गई। सर्च का कार्य लगभग 4-5 घंटे तक चलता रहा। सूत्रों ने बताया कि मैटल डिटैक्टर से दीवारों व जमीन की जांच करवाने का उद्देश्य मुख्य रूप से यह था कि कहीं उनके बीच में गोल्ड या कोई अन्य ज्वैलरी तो छिपा कर नहीं रखी गई है। सूत्रों ने बताया कि मैटल डिटैक्टर से जांच के बावजूद आयकर विभाग को कुछ भी आपत्तिजनक बरामद नहीं हुआ। सूत्रों ने कहा कि फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है कि इस रेड से विभाग को कितनी सफलता मिलती है परंतु विभाग के अधिकारी कल कुछ न कुछ खुलासा अवश्य कर सकते हैं। इस बीच आयकर अधिकारियों ने कल बरामद हुई लगभग 10 लाख रुपए की नकदी भारतीय स्टेट बैंक में जमा करवा दी है। जालंधर में सर्च का कार्य लगभग सम्पन्नता की तरफ था। नकोदर में भी सर्च की गई थी। विभाग के अधिकारियों को जिन बैंक लाकरों का पता चला है, इन्हें बाद में खोला जाएगा। लुधियाना में अधिकारियों को कम बिल बनाने से संबंधित कुछ पेपर्स अवश्य मिले हैं।
उप्पल ने अधिकारियों के सामने 5 करोड़ सरैंडर करने की पेशकश की
आयकर विभाग इन्वैस्टीगेशन विंग के सामने जालंधर के उप्पल परिवार ने 5 करोड़ रुपए की राशि सरैंडर करने की देर शाम पेशकश की है। सूत्रों से पता चला है कि सरैंडर की गई राशि पर विभाग ने अभी अपनी ओर से कुछ नहीं कहा, बल्कि विभाग बरामद हुए कागजातों का अध्ययन करना चाहता है। इन कागजातों के अध्ययन से विभाग यह अनुमान लगाना चाहता है कि आखिर सरैंडर की गई राशि उससे मेल खाती है, या नहीं। नियमों के अनुसार अगर कोई करदाता स्वेच्छा से टैक्स का भुगतान करने के लिए राशि को सरैंडर करता है तो उसे विभाग को स्वीकार तो कर लेना होता है लेकिन विभाग अपने स्तर पर यह भी देखता है कि जिस हिसाब से उसने सर्च की है, उसे देखते हुए 5 करोड़ की राशि पर्याप्त है या नहीं। यह भी पता चला है कि एक फर्म के मैनेजर के नाम पर बैंक लॉकर को कुछ लोग आप्रेट कर रहे थे। इस तरह बेनामी बैंक लॉकरों के मिलने की बात भी पता चली है।
विभाग ने कुछ कैश और 10 बैंक लॉकर सीज किए
सूत्रों के अनुसार विभाग पहले ही लुधियाना और जालंधर स्थित मैरिज पैलेस के सभी ग्राहकों की सूची को कब्जे में ले चुका है, जिन्होंने पिछले एक वर्ष में यहां अपनी पार्टियां बुक की थीं। विभाग इस बात का प्रयास करेगा कि वे क्लाइंट जांच में सहयोग दें और जैसे ही अधिकारियों को ग्राहकों के स्टीक पते की जानकारी मिलती है, जिसका जिक्र मैरिज पैलेस अधिकारियों ने अपनी बुकिंग पुस्तक में सही ढंग से नहीं दिखाया है। दरअसल आई.टी. विभाग इस जांच में इस बात का खुलासा करना चाहता है कि किन लोगों ने बिल का भुगतान करने के लिए कालेधन का इस्तेमाल किया है ताकि उन्हें नोटिस भेजा जा सके। इस जांच में विभाग ने कुछ कैश और 10 बैंक लॉकर सीज कर दिए हैं। खबर लिखे जाने तक जांच जारी थी।
मैरिज पैलेस में खड़ा हवाई जहाज अभी भी रहस्य
बाठ कैसल जालंधर के परिसर में पाए गए हवाई जहाज का रहस्य अभी भी ’यों का त्यों है। सूत्रों के अनुसार मालिक अभी तक विमान के खरीदने के सबूत देने में सक्षम नहीं है। इसलिए विभाग ने उन्हें कुछ दिन दिए हैं, ताकि उस जहाज के दस्तावेज और प्रमाण पेश किए जा सकें। विभागीय सूत्रों के अनुसार मैरिज पैलेस में खड़ा विमान 16-17 साल पुराना है और रन-वे भी टूटा हुआ है। इस जहाज के अब बिकने की संभावना नहीं है, क्योंकि यह बहुत पुराना हो चुका है।