Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Feb, 2018 09:07 AM
पिछले डेढ़ साल से अपने आप को यू.पी. कैडर का आई.पी.एस. बताकर पुलिस व लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला नौसरबाज रुपिंदर सिंह मान हवालात में पहुंच गया है। उसने यह सारा ड्रामा अपने रिश्तेदारों व लोगों पर धौंस जमाने के लिए किया था।
लुधियाना(महेश): पिछले डेढ़ साल से अपने आप को यू.पी. कैडर का आई.पी.एस. बताकर पुलिस व लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला नौसरबाज रुपिंदर सिंह मान हवालात में पहुंच गया है। उसने यह सारा ड्रामा अपने रिश्तेदारों व लोगों पर धौंस जमाने के लिए किया था।
उसके पास से पुलिस की 3 यूनिफार्म, 2 बत्तियां, आई.पी.एस. के बैच, कंधे पर लगने वाले स्टार्स, नेम प्लेट, 2 स्टिक्स, 32 बोर की रिवाल्वर, 25 जिंदा कारतूस, पासपोर्ट, किरच, किरपान व अन्य सामान बरामद हुआ है। आरोपी के पास से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल की साथ खिचवाईं गई फोटों भी मिली है। ए.डी.सी.पी. ने बताया कि जितनी यूनिफार्म और आई.पी.एस. का सामान इसके पास से मिला है। इतना तो मेरे पास भी नहीं है। इसके अलावा इसके पास से यू.पी. कैडर के अतिरिक्त पंजाब कैडर के भी कई बैच मिले हैं।
ए.डी.सी.पी. सुरेंद्र लांबा ने प्रैसवार्ता में बताया कि आरोपी रुपिंदर जोधेवाल के इंद्रा कालोनी का रहने वाला है। इससे पहले वह सलेम टाबरी के सरदार नगर में रहता था। उसके सभी प्रूफ इसी पर बने हुए है। उसके पासपोर्ट में उसका शिक्षण स्तर 8वीं पास दर्ज है, जबकि वह दावा कर रहा है कि उसने लुधियाना के विद्या करियर से ओपन स्टडी में बी.कॉम किया है।
ए.डी.सी.पी. लांबा ने बताया कि यह खुद को आई.पी.एस. अधिकारी बताकर थाने, चौकियां व अफसरों में जाकर पुलिस को धोखा दे चुका है। पुलिस को जब इसकी असलियत की भनक लगी तो जांच पड़ताल शुरू की, जिससे इसका भांडा फूट गया और इसे सोमवार रात को सलेम टाबरी के प्रभारी इंस्पैक्टर विजय कुमार की टीम ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब यह दिल्ली से लौट रहा था। बाद में आरोपी की निशानदेही पर उक्त सामान बरामद हुआ। लांबा ने बताया कि एक बार आरोपी असले के लाइसैंस के संबंध में उनके पास भी आया था। तब उन्होंने इस पर ज्यादा गौर नहीं किया। इसके बाद वह डी.सी.पी. इत्यादि अधिकारियों से भी अपने काम के लिए मिलता रहता था।
लाइजनिग में महारत है आरोपी को
लांबा ने बताया कि लाइजनिंग के मामले में आरोपी को महारत है। इसके चलते आरोपी ने खुद को आई.पी.एस. अधिकारी बताकर नीचे स्तर के राजनेताओं से नजदीकियां बढ़ाई और फिर उन्हें सीढ़ी बनाकर चोटी के नेताओं से आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच गया और उनके साथ तस्वीरें भी ङ्क्षखचवाई और प्रभाव जमाने के लिए उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
घर के बाहर लगवा रखे थे बैरीकेट
आरोपी ने अपने घर के बाहर बैरीकेट लगवा रखे थे, ताकि वहां से निकलने वाले व्यक्ति को लगे यहां कोई बड़ा पुलिस अधिकारी रहता है। लेकिन जब इसकी असलीयत सामने आई तो पुलिस ने वहां से तुरंत बैरीकेट हटवा दिए।
पत्नी से हो चुका है तलाक
ए.डी.सी.पी. ने बताया कि आरोपी का तलाक हो चुका है। केन इंटरनैशनल में यह ऑन लाइन फार्म भरता था। फिर इसके मन में विदेश जाने की इच्छा पैदा हो गई। इसके लिए इसने एक छात्रा को अपनी बातों में फंसा लिया। उस युवती के आईलैट्स में 7 बैंड आए थे और बाहर जाने वाली थी। फिर आरोपी ने उससे शादी कर ली, परंतु बाद में इसका तलाक हो गया।
पकड़ा न जाता तो 6 महीने बाद शुरू करना था नौकरी छोडऩे का ड्रामा
आरोपी ने पूछताछ में कबूल किया कि वह मध्यमवर्गीय परिवार से है। उसका पिता व भाई हौजरी का काम करते हैं, जिनके साथ उनकी बनती नहीं है, परंतु उसके बाकी की रिश्तेदारी में कई बड़े अधिकारी हैं। इनमें एक न्यायाधीश के पद पर भी है। उसने उन पर धौंस जमाने के लिए आई.पी.एस. का ड्रामा रचा था। अगर वह पकड़ा न जाता तो उसने 6 महीने बाद यह बात सभी में फैला देनी थी कि उसने आई.पी.एस. के पद से त्यागपत्र दे दिया है, क्योंकि पुलिस विभाग में कुछ नहीं रखा है, लेकिन इससे पहले ही उसका भेद खुल गया और पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पहली ही नजर में पहचान लिया था
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नजदीकियों का दावा है जब वह उनसे मिलने आया तो उन्होंने पहली ही नजर में पहचान लिया था यह आई.पी.एस. अधिकारी नहीं है। यह लोगों की आंखों में धूल झोंक रहा है। अब बादल के नजदीकी इसकी पृष्ठ भूमि की जानकारी एकत्रित करने में जुट गए हैं।
होमगार्ड के जवान को किया गुमराह
होम गार्ड के जवान जोगिंदर सिंह, जोकि मेहरबान थाने में तैनात है, के साथ रुपिंदर से जान पहचान थी। आरोपी ने उसको यह कहकर अपने झांसे में ले लिया कि वह जल्द ही यू.पी. से ट्रांसफर करवाकर पंजाब में आ जाएगा। उसके बाद उसे अपने साथ ही रखेगा। इसके चलते जब वह कहीं जाता जोगिंदर को अपने साथ लेकर जाता था, ताकि उस पर कोई शक न करें और उसका दबदबा बने रहे।
विदेश भेजने के नाम पर 4 लाख की ठगी का आरोप
बाड़ेवाल की रविंदर कौर और नवजोत कौर ने आरोपी के खिलाफ विदेश भेजने के नाम पर 4 लाख रुपए की ठगी करने की शिकायत पुलिस के पास दे रखी है, जिसकी जांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट कर रहा है। इसके अलावा आरोपी ने थानों व चौकियों में कई काम करवाए हैं जिनकी जांच शुरू हो गई है।
साऊथ की फिल्मों से प्रभावित था आरोपी
सुरेंद्र ने बताया कि आरोपी ने 2013-2014 में सिविल सर्विसिस का एग्जाम दिया था, लेकिन उसमें फेल हो गया। किंतु वह साऊथ की फिल्मों में पुलिस अधिकारियों के किरदार से बेहद प्रभावित था। उसने मन में पुलिस अधिकारी बनने की प्रबल इच्छा पाल ली। जिस पर उसने अपने रिश्तेदारों व आसपास के लोगों से कहना शुरू कर दिया कि वह यू.पी. कैडर से आई.पी.एस. अधिकारी बन गया है। इसके बाद आरोपी ने सिविल लाइन के जसपाल ट्रेलर व दिल्ली से पुलिस की यूनिफार्म स्टिच करवाई और वही यूनिफार्म पहन कर अपने काम करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों में जाना शुरू कर दिया। कभी-कभार आरोपी सादी कपड़ों में अधिकारियों के पास जाता था।