Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 10:46 AM
ए.टी.एम. कार्ड बदलकर अथवा धोखे से उसका क्लोन तैयार करके नौसरबाजों द्वारा लोगों के खून-पसीने की कमाई निकलवाने की घटनाएं थमती नहीं दिखाई दे रहीं। ताजा दो मामलों में शातिरों द्वारा अलग-अलग समय पर 75 हजार की नकदी निकलवाए जाने का मामला सामने आया है। मॉडल...
लुधियाना(पंकज) : ए.टी.एम. कार्ड बदलकर अथवा धोखे से उसका क्लोन तैयार करके नौसरबाजों द्वारा लोगों के खून-पसीने की कमाई निकलवाने की घटनाएं थमती नहीं दिखाई दे रहीं। ताजा दो मामलों में शातिरों द्वारा अलग-अलग समय पर 75 हजार की नकदी निकलवाए जाने का मामला सामने आया है। मॉडल टाऊन निवासी सतिन्द्रपाल सिंह पुत्र मनोहर लाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह एक कम्पनी में काम करता है। उसका पी.एन.बी. (बिलगा) जालंधर में खाता है। 31 जुलाई 2017 को उसके डैबिट कार्ड से किसी ने 25 हजार रुपए निकलवा लिए। उधर दूसरे मामले में अवनीत कौर पुत्री मनविन्द्र सिंह के फिल्लौर स्थित पी.एन.बी. खाते से आरोपी द्वारा 15 हजार, 10 हजार, 15 हजार और फिर से 10 हजार रुपए की रकम निकाली गई यानी कुल 50 हजार रुपए की रकम धोखे से निकाल ली गई। मॉडल टाऊन पुलिस ने मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जागरूक रहें लोग
दरअसल, नौसरबाज दो तरीकों से उपभोक्ता के खाते से नकदी निकालकर ठगी मार सकते हैं। पहला वे ए.टी.एम. पर धोखे से कार्ड बदल लेते हैं और दूसरा जब आप अपने कार्ड से किसी ऐसी जगह भुगतान करते हैं, जहां कार्ड स्वैप करने वाला बहाना बनाकर कार्ड चंद पलों के लिए आंखों से दूर लेकर जाता है, जिसके लिए वह मशीन खराब होने का बहाना अधिक बनाता है। जैसे ही उपभोक्ता की नजर हटती है, वह कार्ड को ऐसी मशीन में स्वैप करता है, जिससे कार्ड का क्लोन आसानी से तैयार हो जाए।
विद्ड्राल करते समय भी रखें ध्यान
उपभोक्ता ए.टी.एम. मशीन से नकदी निकालते समय अपना खुफिया कोड मशीन में भरते समय दूसरा हाथ ऐसे रखें कि उसका पता न चल सके, क्योंकि पुलिस द्वारा बेनकाब किए गए गैंग ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि जिन ए.टी.एम. पर गार्ड नहीं होता, वहां छत पर वे छोटा कैमरा चिपका देते थे, जिसमें पैसे निकालने वाले द्वारा भरा जाने वाला कोड रिकार्ड हो जाता था। यानी अगर उपभोक्ता थोड़ी सी चालाकी बरते तो इन वारदातों पर अंकुश लग सकता है।