Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 05:06 PM
राज्य में फूड सैम्पलिंग में पारदर्शिता लाने के लिए विजीलैंस ब्यूरो पंजाब की सिफारिशों को लागू करने के लिए कहा गया है। सिविल सर्जनों को लिखे पत्र में कमिश्नरेट फूड एवं ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन पंजाब के फूड सेफ्टी नोडल अफसर ने फूड सैम्पल के तौर तरीकों...
लुधियाना (सहगल): राज्य में फूड सैम्पलिंग में पारदर्शिता लाने के लिए विजीलैंस ब्यूरो पंजाब की सिफारिशों को लागू करने के लिए कहा गया है। सिविल सर्जनों को लिखे पत्र में कमिश्नरेट फूड एवं ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन पंजाब के फूड सेफ्टी नोडल अफसर ने फूड सैम्पल के तौर तरीकों में बदलाव करते हुए हर फूड सैम्पल लेने के समय 2 अलग-अलग विभागों के सरकारी कर्मचारियों को बतौर गवाह साथ रखने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि विजीलैंस ब्यूरो पंजाब में जुलाई 2015 में इन निर्देशों को लागू करने का सुझाव सेहत विभाग को दिया था। राज्य सरकार के प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में डायरैक्टर विजीलैंस ब्यूरो चंडीगढ़ ने सैम्पलों को लैब में भेजने के लिए सैम्पल सील करने की प्रणाली पर शंका व्यक्त करते हुए कहा था कि सैम्पल सील करते समय उस पर फूड सेफ्टी अफसर व दुकानदार के हस्ताक्षर किए जाते हैं। परन्तु लोगों में आम धारना पाई जा रही है कि इन सैम्पलों को दुकानदार की सहूलियत के अनुसार बदला जा सकता है। सुझाव में विजीलैंस ब्यूरो द्वारा यह कहा गया कि खाने-पीने की वस्तुओं में पारदर्शिता लाने के लिए 2 विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारियों को बतौर गवाह रखा जाए ताकि सैम्पल मिलीभगत से बदले न जा सकें।
3 साल तक दबी रही फाइल
उक्त सुझावों को लागू करने की बजाय & वर्ष तक उक्त सुझाव फाइलों में दबे रहे और रा’य में खाने-पीने की वस्तुओं की सैम्पङ्क्षलग में पारदर्शिता सेहत विभाग के अधिकारियों के रहमो करम पर रही। फूड सैम्पलिंग के पुराने तरीकों से कभी भी वांछित नतीजे प्राप्त नहीं हुए। इस सिलसिले में अब सेहत सचिव ने गत वर्ष 14 सितम्बर को एक पत्र फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन पंजाब के संयुक्त कमिश्नर को लिखकर 3 वर्षों में लिखे दर्जनों पत्र जो इस विषय पर लिखे गए थे, का हवाला देते हुए तुरंत सरकार को आवश्यक कार्रवाई कर इसकी सूचना सरकार को देने के लिए कहा जिस पर 4 महीनों बाद अमल होता दिखाई दे रहा है। सेहत विभाग के एक उच्चाधिकारी ने कहा कि फूड सैम्पलिंग में पारदर्शिता के लिए आवश्यक निर्देश राज्य के सभी डैजीगनेटिड अफसरों को भेज दिए हैं। जल्द ही इसकी समीक्षा रिपोर्ट तलब की जाएगी। इससे पहले अधिकतर जिलों में फूड सैम्पलिंग में अधिकतर सैम्पल पास होते थे पर अब फेल सैम्पलों की संख्या बढऩे की सम्भावना है।