Edited By Updated: 25 Jun, 2016 01:49 PM
अपनी कोख में 9 माह तक बेटे व बेटी को अपने खून से सींचने वाली मां अपने जिगर के टुकड़ों की एक झलक पाने के
लुधियाना (गुप्ता): अपनी कोख में 9 माह तक बेटे व बेटी को अपने खून से सींचने वाली मां अपने जिगर के टुकड़ों की एक झलक पाने के लिए एक मां समाज सुधारकों की चौखट पर दस्तक दे-दे कर थक चुकी है, मगर अफसोस कि ससुराल की सताई महिलाओं को इंसाफ दिलाने हेतु गठित वूमैन सैल में तैनात अधिकारी व काऊंसलर इंसाफ दिलाने की बजाय ऊंची पहुंच रखने वाले ससुराल पक्ष की मदद करके पीड़िता पर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं।
दहेज के लिए किया प्रताड़ित
दरअसल, लुधियाना के सैक्टर-32 निवासी अनु ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2008 में उसकी शादी फगवाड़ा निवासी सुरिन्द्र सचदेवा के साथ हुई थी। उसके पिता यशपाल ने अपने जीवन भर की कमाई बारातियों की आवभगत व दहेज के रूप में खर्च करके उसे इस उम्मीद से विदा किया था कि शायद ऐसा करने से उसकी बेटी सुखी रहेगी, मगर शादी के बाद ससुराल पक्ष की दहेज की भूख ने उसकी व उसके परिजनों की नींद हराम कर दी। शादी के बाद जब वह दूसरी बार गर्भवती हुई तो लड़की होने पर ससुराल पक्ष ने अस्पताल का खर्च देने से इंकार कर दिया जिस पर उसके पिता ने अस्पताल के बिल का भुगतान किया।
जेठ ने की अश्लील हरकत तो छीने जिगर के टुकड़े
जब वह बेटी को लेकर घर पहुंची तो उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। उसके पति, सास-ससुर, जेठ, देवर, ननदों, जेठानी व देवरानियों ने उसे मानसिक व शारीरिक तौर पर परेशान करना शुरू कर दिया। एक दिन उसके बड़े जेठ राजिन्द्र सचदेवा ने परिवार की गैर-मौजूदगी में नशे की हालत में उसके कमरे में आकर बच्चे को दूध पिलाते समय उसके साथ अश्लील हरकतें शुरू कर दीं। जब उसने इसकी शिकायत सास-ससुर व पति से की तो उन्होंने उसके जेठ का ही पक्ष लेते हुए उसके साथ मारपीट करके उसका बेटा छीनकर उसे घर से निकाल दिया। कई बार पंचायती राजीनामे व नकदी के लेन-देन के बाद जब बात नहीं बनी तो वह इंसाफ की उम्मीद से वूमैन सैल पहुंची जहां पर मौजूद अधिकारियों व काऊंसलरों ने उसे इंसाफ दिलाने की बजाय दबाव बनाकर समझौता करवा दिया। उक्त समझौते के बाद ससुराल पक्ष ने महानगर के कुछ स्वयंभू समाज सेवकों की मदद से उसके पिता पर मानसिक दबाव बनाकर एक अलग से समझौता करके उसकी बेटी को भी छीन लिया।