निगम चुनाव में सवाल उठने के बाद कैप्टन ने वायदे पूरे करने में दिखाई तेजी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 01:37 PM

captain amrinder singh

कांग्रेस ने भले ही नगर निगम के चुनाव जीत लिए हैं, लेकिन इस दौरान विपक्ष के अलावा लोगों द्वारा सवाल उठाने के मद्देनजर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सरकार बनने से पहले किए वायदे पूरे करने को लेकर एकाएक तेजी दिखाई है। पंजाब में कांग्रेस ने 10 साल बाद सत्ता...

लुधियाना (हितेश): कांग्रेस ने भले ही नगर निगम के चुनाव जीत लिए हैं, लेकिन इस दौरान विपक्ष के अलावा लोगों द्वारा सवाल उठाने के मद्देनजर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सरकार बनने से पहले किए वायदे पूरे करने को लेकर एकाएक तेजी दिखाई है। पंजाब में कांग्रेस ने 10 साल बाद सत्ता में वापसी की है। जिसका कारण जहां अकाली-भाजपा के प्रति लोगों का गुस्सा माना जाता है, वहीं आम आदमी पार्टी को कट्टरपंथियों का समर्थन मिलने के कारण लोगों द्वारा उससे मुंह मोडऩा था।

इसके अलावा कांग्रेस की सरकार बनने की बड़ी वजह उसके द्वारा किए वायदे भी रहे जिन्हें पूरा करने की जगह पहले तो कांग्रेस ने पिछली सरकार द्वारा खजाना खाली करके जाने का बहाना बनाया लेकिन अब सरकार का हनीमून पीरियड खत्म हो गया है तो लोग वायदे न पूरे करने को लेकर सवाल उठाने लगे हैं जिसे लेकर नगर निगम चुनाव लडऩे वाले कांग्रेस के उम्मीदवारों को काफी दिक्कत आई। ऐसा नहीं है कि कैप्टन इन हालातों से वाकिफ नहीं हैं बल्कि अब तो खुद उनके फेसबुक पेज पर डाली जाने वाली किसी भी पोस्ट पर सराहना से ज्यादा लोग वायदे पूरे करने की याद दिला रहे हैं। इसका असर यह हुआ कि कैप्टन द्वारा अफसरों के अलावा मंत्रियों को भी आदेश दिया गया है कि चुनाव के दौरान किए गए अपने विभाग से संबंधित वायदों की लिस्ट तैयार करें, उनमें से पहले उन कामों को चुनें जो पहले पूरे हो सकते हैं। इस बारे में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है और कैप्टन खुद उसका रिव्यू कर रहे हैं जिसके परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिल सकते हैं।

कैबिनेट मीटिंग में पास हो चुके हैं प्रस्ताव
कांग्रेस ने जो चुनावी वायदे किए थे उनको पूरा करने के लिए अगर फंड की कमी का पहलू हल हो जाए तो कोई तकनीकी दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में सारे वायदों को मंजूरी देकर कानूनी रूप दे दिया गया था हालांकि उस समय इन वायदों को पूरा करने के लिए समय सीमा भी तय की गई थी लेकिन उसके मुताबिक उन घोषणाओं पर अमल नहीं हुआ।

किसानों के लिए कर्ज माफी व इंडस्ट्री को सस्ती बिजली देने की पहल 
कांग्रेस ने मुख्य रूप से किसानों के कर्ज माफ करने का वायदा किया था लेकिन अकाली दल व आम आदमी पार्टी ने पहले ही दिन से उस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। जब सरकार बनी तो कांग्रेस ने पहले सर्वे व फिर फंड का प्रबंध न होने का बहाना बनाया लेकिन दबाव बढऩे पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कमेटी का गठन कर दिया जिसकी सिफारिश पर 2 लाख तक का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया गया है जिस पर अमल का काम तेज करने की तरफ सरकार का ध्यान लगा हुआ है। इसके अलावा एक मामला इंडस्ट्री को 5 रुपए यूनिट बिजली देने बारे किए ऐलान का है जिसे लागू करने की डैडलाइन एक के बाद एक करके पैंडिंग की जा रही है जिस दौरान बिजली के रेट पहले से बढ़ गए हैं और पिछले टाइम से वसूली करने का फैसला किया गया है जिसे लेकर इंडस्ट्री द्वारा विरोध शुरू करने के बाद सरकार की नींद खुली और इंडस्ट्री की नाराजगी दूर करने के लिए उनके साथ मीटिंगें की जा रही हैं।

 रियल एस्टेट सैक्टर को मिलेगी राहत
अकाली-भाजपा सरकार के खिलाफ रियल एस्टेट सैक्टर का सबसे ज्यादा गुस्सा था जिनका समर्थन हासिल करने के लिए कांग्रेस ने अवैध कालोनियां रैगुलर करने का वायदा किया था लेकिन उस बारे में अब तक कोई पालिसी नहीं जारी हो पाई है जिसे लेकर प्रापर्टी कारोबारी काफी नाराज हैं। इसके मद्देनजर जल्द ही रियल एस्टेट सैक्टर को राहत मिल सकती है जिसमें पुरानी बनी कालोनियां रैगुलर करने सहित नई कालोनी बनाने के लिए शर्तें सरल करके पालिसी जारी करने का काम तेजी से चल रहा है।
 
अपराध व नशों पर लगाम लगाने का आएगा रिपोर्ट कार्ड
अकाली सरकार के खिलाफ कानून व्यवस्था की स्थिति काबू में न रख पाने के आरोप भी सभी विपक्षी पार्टी के नेताओं ने लगाए थे लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद भी हालात नहीं सुधरे जिसमें मुख्य मुद्दा गैंगस्टर व नशाखोरी का है। अब सरकार जल्द ही रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी कि कांग्रेस के राज में अपराधियों व नशाखोरी के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है।

 

 जारी होगा नौकरी देने व विकास कार्यों का ब्यौरा
कांग्रेस का मुख्य चुनावी वायदा हर घर नौकरी देने का भी है जिसके पूरा न होने को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। सरकार एक रिपोर्ट तैयार कर रही है कि पंजाब के कितने घरों में रोजगार है जिसमें प्राइवेट व सरकारी दोनों तरह की नौकरी का रिकार्ड शामिल होगा। सरकार यह भी डाटा बना रही है कि कांग्रेस राज में कितने लोगों को सरकारी या प्राइवेट नौकरी दी गई और कितने मुलाजिम पक्के किए गए हैं। इसी तरह कांग्रेस सरकार के खिलाफ जो विकास कार्य ठप्प होने का मुद्दा चल रहा है उसके मद्देनजर जल्द ही रिकार्ड जारी किया जाएगा कि सरकार बनने के बाद कितना फंड जारी किया गया और कितने नए विकास कार्य शुरू हुए हैं।
 

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