Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 02:52 PM
पंजाब में कांग्रेस के सत्ता में आने के एक साल बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा लुधियाना दौरे के दौरान इंडस्ट्री को नजरअंदाज किए जाने से कारोबारी बेहद खफा हैं।‘घर-घर रोजगार एवं कारोबार’ स्कीम के तहत मुख्यमंत्री द्वारा 9592 नौजवानों को...
लुधियाना(बहल) : पंजाब में कांग्रेस के सत्ता में आने के एक साल बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा लुधियाना दौरे के दौरान इंडस्ट्री को नजरअंदाज किए जाने से कारोबारी बेहद खफा हैं।‘घर-घर रोजगार एवं कारोबार’ स्कीम के तहत मुख्यमंत्री द्वारा 9592 नौजवानों को नियुक्ति पत्र देने का मामला सीधा इंडस्ट्री से ताल्लुक रखता है, जिसके लिए जहां महकमों ने कारोबारियों को कैप्टन के महानगर दौरे में न्यौता देने में भूमिका नहीं निभाई, वहीं मात्र इंडस्ट्री डिपार्टमैंट के जी.एम. द्वारा औद्योगिक संगठनों के नुमाइंदों को समारोह में शामिल होने के लिए जिला उद्योग केंद्र से एंट्री पास कलैक्ट करवाने का संदेश भेजा गया है। कारोबारियों का कहना है कि उन्हें कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के दौरे पर शहर के विधायकों और सांसद द्वारा भी नजरअंदाज किया गया है। इससे वे बेहद निराश हैं।
कैप्टन सरकार ने चुनाव मैनीफैस्टो में 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का वायदा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं किया गया है। कैप्टन सरकार के 1 साल के कार्यकाल में 1 लाख 61 हजार नौजवानों को रोजगार हेतु नियुक्ति पत्र देने का दावा भी बेमानी है। लुधियाना मशील टूल संघ द्वारा 2000 लोगों को नौकरियां प्रदान करने का सरकार को न्यौता दिया गया था लेकिन अभी तक विभाग के किसी भी अधिकारी या नेता ने उनसे सम्पर्क नहीं किया है। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह के लुधियाना दौरे के बारे में किसी भी विधायक या सांसद ने उद्योगपतियों और कारोबारियों को निमंत्रण भेजना भी मुनासिब नहीं समझा। जब तक सरकार इंडस्ट्री का करोड़ों रुपए का वैट और जी.एस.टी. रिफंड नहीं करती, तब तक इंडस्ट्री की ग्रोथ होना नामुमकिन है।
- कुलवंत सिंह एन.के.एच. प्रधान, मशीन टूल संघ।