Edited By Updated: 24 Sep, 2016 11:42 AM
अगर आप भी अपने मासूम बच्चों को क्रच में भेजते है तो यह खबर आपके लिए अहम हो सकती है।
लुधियाना (कुलवंत): अगर आप भी अपने मासूम बच्चों को क्रच में भेजते है तो यह खबर आपके लिए अहम हो सकती है। दरअसल, महानगर में आए दिन दुष्कर्म का शिकार होने वाले मासूम बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस व जिला प्रशासन ने पहल करते हुए एक प्रोजैक्ट तैयार किया है।
क्राइम रिकार्ड के अनुसार ज्यादातर बच्चे उस समय दुष्कर्म का शिकार होते हैं जब उनके परिजन काम पर गए हों। इनमें खासकर लेबर कालोनियों का मजदूर वर्ग शामिल है। पुलिस व जिला प्रशासन ने ऐसे बच्चों के लिए क्रच तैयार किया है जहां कामकाजी परिजन अपने बच्चों को उसमें छोड़ कर जा सकते हैं और काम से लौटते समय बच्चों को साथ घर ले जा सकते हैं। इससे जहां उनके बच्चे शिक्षित होंगे व समाज का अभिन्न अंग बनेंगे, वहीं ऐसे मासूम सुरक्षित भी रहेंगे। ऐसे क्रचों का सारा कार्यभार जिला प्रशासन व समाज सेवी संस्थाए उठाएंगी।
बच्चों को शिक्षा से लेकर वर्दी, किताबें तथा खाने तक की व्यवस्था नोबल फाऊंडेशन करेगी। इस प्रोजैक्ट को सफल बनाने व जमीनी स्तर तक सुविधाएं देने के लिए बकायदा जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम व समाज सेवी संस्थाओं की 3 बार मीटिंग जिलाधीश रवि भगत, पुलिस कमिश्नर जतिंद्र सिंह औलख की अगुवाई में हो चुकी है। इसके लिए बाकायदा नगर निगम ने ग्यासपुरा में 3 मंजिला इमारत, जिसमें 12 कमरे क्रच बनाने के लिए अलॉट कर दिए हैं जिस पर जल्द ही तैयारी का काम शुरू किया जाएगा। वहीं दोनों अधिकारियों का कहना था कि यह तो मात्र शुरूआत है। महानगर में आधा दर्जन ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं जहां मजदूर वर्ग की कालोनियां हैं, जहां ऐसे क्रच की बेहद जरूरत है।