Edited By Updated: 07 Oct, 2015 11:24 AM
राज्य की पुलिस आम जनता के दिलों में जगह बनाने में कामयाब हो गई है...
लुधियाना : राज्य की पुलिस आम जनता के दिलों में जगह बनाने में कामयाब हो गई है। इसकी मिसाल हम इन पुलिस अधिकारियों से ले सकते है। जिन्होंने अपनी ड्यूटी के बीच किसी को नहीं आने दिया। डेंटिस्ट से पुलिसकर्मी बनी जालंधर की डा. ऋचा अग्निहोत्री वर्तमान में लुधियाना में ए.सी.पी. (ट्रैफिक) के रूप में सेवारत है।
उनके एफ.बी. पेज लुधियाना ट्रैफिक पुलिस पर 14,000 से अधिक अनुयायी है। पी.पी.एस. अधिकारी की व्यक्तिगत एफ.बी. पेज पर यातायात नियंत्रण गतिविधि से संबंधित एक समचार की क्लिप पोस्ट को 1000 बार पसंद किया गया है। ए.एस.पी. मुकेरियां ध्रुव दहिया कानून-व्यवस्था के मुद्दों को लेकर सड़क पर बैठ जाते है। लोग उनके साथ सैल्फी खिंचवाने के लिए उतावले होते है।
दोनों 'दबंग' पुलिस बादल की ऑर्बिट बसों के खिलाफ कार्वाई करने से भी नहीं कतराते । उनके साथ इन विशेष नाके में सहयोग करने वाले डी.टी.ओ. अनिल गर्ग को 1 दिन पहले ही ट्रांसफर कर दिया गया।
सेवाकालीन प्रशिक्षण केंद्र, कपूरथला में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एस.के. अग्निहोत्री, कमांडेंट की बेटी की विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस ने उनके वाहनों के प्रति कार्रवाई करने पर उसके खिलाफ शिकायत कर दी थी। उनको इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होना पड़ा था।
लाल बत्ती हटाने का कहने पर आम आदमी पार्टी के सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने उनको अपना बेटा बना लिया था। सख्त पुलिस, एक मुस्कुराते चेहरे के साथ, यहां तक कि वह आम तौर पर उसके समर्थन में मीडिया की मौजूदगी सुनिश्चित करता है। ध्रुव ने पिछले महीने दसूहा में गल्त पार्किंग में खड़ी आर्बिट बस को अपने कब्जे में ले ली थी।
लुधियाना में ए.सी.पी. रहते हुए उन्हे हाई कोर्ट के चालान गल्त पार्किंग के चलते काटा था। चालान तो रद्द कर दिया गया। इसके साथ ही उनको बदली का फैसला सुना दिया गया।