Edited By Updated: 30 Jul, 2016 11:51 AM
40 वर्षीय एक व्यक्ति जोकि शुक्रवार को बस्ती जोधेवाल इलाके में कैंटर की चपेट में आ जाने से घायल हो गया था, की
लुधियाना (महेश): 40 वर्षीय एक व्यक्ति जोकि शुक्रवार को बस्ती जोधेवाल इलाके में कैंटर की चपेट में आ जाने से घायल हो गया था, की प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाने पर उसके परिजनों ने डाक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
उधर घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत किया। बहरहाल पुलिस ने कैंटर चालक के विरुद्धकेस दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी इंस्पैक्टर अशोक कुमार ने बताया कि डाक्टरों के खिलाफ तभी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जब वे जांच के दौरान दोषी पाए जाएंगे, फिलहाल कैंटर चालक भुपिंदर सिंह जोकि संगरूर का रहने वाला है, के खिलाफ लापरवाही से ड्राइविंग करने के आरोप में मुकद्दमा दर्ज कर लिया गया है। घटना आज प्रात: करीब 10 बजे की है जब जसपाल कालोनी का निवासी राजेश कुमार अपनी एक्टिवा पर घंटाघर चौक स्थित अपनी दुकान पर जा रहा था। उसका फिल्टर का कारोबार है। जब वह कैलाश नगर मेन रोड पर पहुंचा तो कैंटर की चपेट में आ गया जिससे उसके शरीर के निचले भाग व अंडकोषों को भारी चोट पहुंची और वह सड़क पर गिर गया। राजेश के भाई अशोक ने बताया कि वह जख्मी हालत में उसे एक प्राइवेट अस्पताल ले गए।
उसका आरोप है कि डाक्टर उपचार के नाम पर खानापूर्ति करते रहे। 2 घंटे तक उसके भाई को ठीक ढंग से देखा तक नहीं गया। डाक्टर इलाज पर आने वाला खर्च 60,000 रुपए जमा करवाने को कहते रहे और आश्वासन देते रहे कि राजेश जल्द ही ठीक हो जाएगा। कुछ देर बाद उसके भाई ने घबराहट की शिकायत की जिस पर उसकी भाभी यानी राजेश की पत्नी ने उसे पीने के लिए कोल्ड ड्रिंक दी। वह उसका एक घुंट भी नहीं भर पाया और एक तरफ लुढ़क गया तब डाक्टरों ने उसे चैक करके बताया कि उसे अटैक आया था जिसके चलते उसकी मौत हो गई है। अशोक का आरोप है कि डाक्टरों की लापरवाही के कारण उसके भाई की मौत हुई है, जबकि पुलिस डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें कानूनी मजबूरियां गिना रही है। पुलिस कह रही है कि डाक्टरों खिलाफ कार्रवाई करने से पहले डाक्टरों के पैनल से पूरे मामले की जांच करवाए जाएगी, अगर उनकी जांच में वे दोषी पाए जाते हैं तो अदालत से आदेश लेने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने राजेश के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती है।