Edited By Updated: 30 Jul, 2016 09:51 AM
भाई धीर सिंह नगर में परिवार के 3 लोगों की हत्या कर दी गई जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। सुचना मिलते ही मौके पर पहुंच पुलिस अधिकारी जांच में जुटे हैं।
लुधियाना (कुलवंत): नगर के सबसे पाश इलाके भाई रणधीर सिंह नगर में एक बार फिर कहर बरपा । आज हुई वारदात में एक अधेड़ ने रिशतेदारों से चल रहे जमीनी विवाद से परेशान होकर अपनी मां,बेटी,व पत्नी को गोलीयों से भून बाद में खुद को भी दो गोलियां मार जीवन लीला समाप्त कर ली। इस वारदात से इलाके के लोग दहल उठे।
यह वारदात सुबह करीब साढे 5 बजे के आस-पास बी.आर.एस. नगर आई बलाक की 654 नंबर कोठी में हुई। सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्रर जतिंदर सिंह औलख,डी.सी.पी. ध्रमुन निंबले,ए.डी.सी.पी. क्राईम बलकार सिंह,ए.डी.सी.पी. 3 प्रमजीत सिंह पन्नु,ए.सी.पी. रूपिंदर कौर सरां,सी.आई.ए. प्रभारी हरपाल सिंह,सराभा नगर प्रभारी सतवंत सिंह सहित अनेकों थानों की पुलिस टीमें मौके पर पहुंच गई।
पुलिस ने मौके पर ही डाग स्क्वायड व फिंगर प्रिंट माहिर बुलाकर मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने चारों शवों का पंचनामा करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को मौके पर 315 बोर डबल बैरल गन तथा दर्जनों कारतूस बरामद हुए है।
पुलिस कमिश्रर जतिंदर सिंह औलख ने बताया कि मरने वालों की पहचान संदीप सिंह (50) मांगट,उसकी माता बचन कौर(73),पत्नी अमनदीप कौर(45) व बेटी दिलनाज (16) कौर के रूप में हुई है। जांच में पाया गया कि संदीप मूल रूप से किसान परिवार से संबंधित था और आज कल वह प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था।
इस वारदात का पता तब चला जब सुबह करीब साढे 10 बजे नौकरानी काम करने के लिए कोठी में आई तो ड्राईंग रूम में बचन कौर का शव पडा देख उसने पड़ोस में रहने वाली एक महिला को बताया।
घर के बाकी सदस्यों को देखने के लिए जब वह उपरी मंजिल पर बने कमरे में गई तो वहां पर संदीप व अमनदीप के शव बैड पर पड़े हुए थे। उसके बाद उसने संदीप की बेटी को अवाजें लगाई तो आगे से कोई जवाब नही आया तो वह उपर देखने के लिए गई तो उपर बरामदे के पास संदीप की बेटी का शव देख तो वह दहल उठी और उसने तुंरत पुलिस को सूचना दी। इतने में बंद कमरे से नौकरानी पिंकी भी बाहर आ गई और उसने सारी बात बताई कि संदीप ने तीनों को गोलीयों से भून डाला था और उसे डरा कर कमरे में बंद कर दिया था।
पुलिस कमिश्रर ने बताया कि नौकरानी पिंकी ने बताया है कि सुबह करीब साढ़े 5 बजे संदीप ने पहले अपनी पत्नी,बेटी को गोलीयां मारी,उस समय उसकी माता गुरूद्वारा साहिब गई हुई थी,जैसे ही उसकी माता गुरूद्वारा साहिब से वापिस आई और गेट खोल कर अंदर गई तो संदीप ने उसे भी गोलीयां मार दी। गोलीयां इतनी नजदीक से सिर में मारी गई थी कि सिर का काफी हिस्सा उड़ गया था और मास के लोथडे़ तक छत्तों व दीवारों पर चिपक गए थे। घर की हालत यह थी कि जगह-जगह खून बिखरा पड़ा था ।
उन्होंने बताया कि संदीप अपने पिता की दूसरी शादी से बचन कौर की औलाद था। उसके पिता का देहांत हो चुका था। उसकी काफी प्रापर्टी थी,जिससे उसे किराया आता था और उसी से उसका व उसके परिवार का गुजर बसर होता था। संदीप का अपने पिता की पहली औलाद से जमीनी विवाद चल रहा था। करीब 7 माह पहले वह उनसे केस हार गया था जिसके बाद वह बेहद परेशान रहने था और इसी परेशानी की वजह से उसने अपने पूरे परिवार को खतम कर खुद खुदकुशी कर ली ।