Edited By Updated: 30 Jul, 2016 12:28 PM
थाना मोती नगर के अंतर्गत पड़ते क्षेत्र जीवन नगर में घरेलू गैस सिलैंडर ब्लास्ट मामले में घटना के करीब एक सप्ताह
लुधियाना (खुराना): थाना मोती नगर के अंतर्गत पड़ते क्षेत्र जीवन नगर में घरेलू गैस सिलैंडर ब्लास्ट मामले में घटना के करीब एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी इलाके के लोगों खासतौर पर महिलाओं में खौफ का आलम है।
वर्णनीय है कि गत 22 जुलाई को उक्त इलाके की गली नं. 6 में पड़ते एक बेहड़े में रहने वाली किराएदार फरहाना के घर में सिलैंडर फटने से रखे सामान टी.वी., 2 मोबाइल फोन, पंखा आदि के अलावा नकदी व बेटी की शादी के लिए खरीदे गए कपड़े आदि जलकर राख हो गए थे। फरहाना ने रोते हुए बताया कि कुछ माह बाद ही उसकी बेटी की शादी होने वाली है जिसकी तैयारी में उसके परिवार द्वारा शादी के लिए कपड़े वगैरा खरीदकर रखे गए थे, जोकि धमाके की भेंट चढ़कर राख के रूप में बदल गए हैं। पीड़िता की बेटी खुशबू की मानें तो सिलैंडर का धमाका इतना शक्तिशाली था कि कमरे के बारह लगा लोहे का गेट तक उड़ गया। गनीमत यह रही कि किसी की जान नहीं गई।
पीड़िता के परिवार व बेहड़े में रहने वाली अन्य महिलाओं के अनुसार सिलैंडर ब्लास्ट होने का कारण गैस लीकेज की समस्या रही। पीड़िता फरहाना व खुशबू ने बताया कि 22 जुलाई को उन्होंने सुबह जिंदल इंडेन गैस सर्विस द्वारा लिया गया सिलैंडर लगाया तो उन्हें आशंका हुई कि गैस लीक कर रही है। इसकी जानकारी उन्होंने गैस एजैंसी के डिलीवरी ब्वाय को दी जिसने किसी दूसरे सिलैंडर से वाशर निकालकर दे दी जो बेहड़े में ही रहने वाले अन्य किराएदार ने बदली। कुछ समय बाद गैस जलाते ही कमरे में चारों ओर आग फैल गई और सिलैंडर फट गया। पीड़िता ने बताया कि आग की चपेट में इनका सारा सामान जलकर राख हो गया। यहां तक कि उनके पास पहनने को भी कपड़े तक नहीं बचे हैं। ब्लास्ट होने के चलते मकान मालिक ने कमरा तक खाली करवा लिया है।
उधर, जिंदल गैस सॢवस प्रमुख सुरेश जिंदल के अनुसार पीड़ित परिवार द्वारा गैस लीकेज मामले में एजैंसी कार्यालय में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई बल्कि डिलीवरी मैन से वाशर की मांग की गई थी जिसे खुद ही बदला गया जबकि यह काम अनजान व्यक्ति नहीं कर सकता। इसके लिए माहिर कारीगर की जरूरत होती है जिसे वह परिवार द्वारा बताने पर भेज सकते थे। उक्त घटना दुखदायी है और हम इंसानियत के तौर पर पीड़ित परिवार की थोड़ी-बहुत मदद करने के लिए तैयार हैं जबकि सिलैंडर ब्लास्ट होने के तकनीकी कारणों का पता जांच के बाद ही लग पाएगा, क्योंकि अभी हादसे में फटा हुआ सिलैंडर पुलिस के कब्जे में है। हादसे के कारणों की रिपोर्ट कम्पनी माहिरों द्वारा बनाकर इंश्योरैंस कम्पनी को भेजी जाएगी जिस पर सर्वेयर द्वारा जांच के बाद नियमों के मुताबिक ही पीड़ित के नुक्सान की भरपाई हो सकती है।