Edited By Updated: 03 Oct, 2016 04:19 PM
2 औरतों की मौत के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं सीखा। इलाज न करवा पाने वाली 8 बीमार औरतों को एम्बुलैंस में डाल कर इलाज..
फिल्लौर (भाखड़ी): 2 औरतों की मौत के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं सीखा। इलाज न करवा पाने वाली 8 बीमार औरतों को एम्बुलैंस में डाल कर इलाज के लिए सिविल अस्पताल जालंधर व फिल्लौर पहुंचाया दिया। वहां पर डाक्टरों द्वारा उनकी सुध न लेने पर मरीजों के परिवार वाले उन्हें फिर से घर ले जाने के लिए तैयार हो गए।
क्या था मामला
नजदीकी गांव गन्ना पिंड में मनरेगा स्कीम के तहत गांव की 10 औरतों को सतलुज दरिया पर लगे घास फूस को साफ करने का जिम्मा सौंपा गया था। जहां सफाई करते समय जहरीली बूटी की चपेट में आने से सभी औरतें गंभीर रूप से बीमार हो गई। गरीब होने के कारण इन औरतों के पास उपचार के लिए रुपए न होने के कारण यह घर पर ही तड़पती रहीं जिसके कारण 2 औरतों ने दम तोड़ दिया।
उक्त घटना के बाद चौधरी संतोख सिंह ने मौके पर पहुंच कर मामला डिप्टी कमिश्नर के ध्यान में लाया। जिनके बाद तुरंत गांव में ए.सी. एम्बुलैंस पहुंची और 6 बीमार औरतों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल जालंधर व फिल्लौर में दाखिल करवाया गया। सिविल अस्पताल फिल्लौर व जालंधर में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी डाक्टर तड़प रही औरतों की सुध लेने के नहीं पहुंचे। डॉक्टरों के इस रवैए से परिवार वाले दुखी हो गए
और खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
मृतक महिला का नहीं हुआ पोस्टमार्टम
गत दिवस जहरीली बूटी की चपेट में आने के कारण घ र में ही 35 वर्षीय रेणू ने दम तोड़ दिया था। 30 घंटे बीत जाने के बाद भी उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया है। किसी भी डाक्टर ने मौत के कारणों का पता करने के लिए उसका पोस्टमार्टम करना भी जरूरी नहीं समझा।
गांव वाले चुनावों में सिखाएंगे सबक
गांव वासी राम जी दास व मरीजों के परिवार वाले जसबीर सिंह, सोनू, रामचंद्र, महिला आशा रानी ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि पार्टी नेता अपनी राजनीति रोटियां सेंकने के लिए केवल उनकी गरीबी का मजाक उड़ा रहे हैं। कोई भी नेता प्रशासन के अधिकारियों से बात कर उनका सही इलाज नहीं करवा रहा। उन्होंने कहा कि अगर मृतकों के परिवार वालों को मुआवजा नहीं दिलवाया गया तो वे आने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे व किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को गांव में दाखिल नहीं होने देंगे।