Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 12:30 PM
घनी धुंध कारण जीरो विजीबिलिटी पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था जिस कारण लोग घरों में दुबके रहने को मजबूर हो गए। सूरज देवता के दर्शन करके अपने दिन की शुरूआत करने वाले लोगों को निराशा का सामना करना पड़ा। वहीं पूरा दिन सूरज देवता के दर्शन न होने कारण शाम...
कपूरथला/सुल्तानपुर लोधी (गुरविन्द्र कौर,धीर): घनी धुंध कारण जीरो विजीबिलिटी पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था जिस कारण लोग घरों में दुबके रहने को मजबूर हो गए। सूरज देवता के दर्शन करके अपने दिन की शुरूआत करने वाले लोगों को निराशा का सामना करना पड़ा। वहीं पूरा दिन सूरज देवता के दर्शन न होने कारण शाम ढलते ही फिर घनी धुंध ने प्रमुख व लिंक सड़कों के साथ-साथ शहर को भी अपनी चपेट में ले लिया। इतना ही नहीं घनी धुंध के कारण जहां सड़कों पर वाहन लाइटें जगा रेंगते देखे गए वहीं रेल आवाजाही भी बहुत प्रभावित हुई। जनवरी माह शुरू होते ही जहां घनी धुंध पडऩी शुरू हो गई, वहीं ठंडी हवाओं ने जन-जीवन को भी अस्त-व्यस्त कर दिया।
कड़ाके की ठंड का असर बाजारों में भी देखने को मिला। लोगों के साथ-साथ दुकानदार भी ठंड से बचने के लिए आग सेकते देखे गए। एक सप्ताह बाद खुले स्कूलों में बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। धुंध के मद्देनजर डी.सी. कपूरथला द्वारा स्कूलों के खुलने का समय सुबह 10 बजे कर दिया गया व कुछ प्राइवेट स्कूलों द्वारा 8 जनवरी तक छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। वर्णीय है कि स्कूलों द्वारा सर्दी की छुट्टियां पहले 1 जनवरी तक की गई थीं पर आज 2 जनवरी को स्कूल लगे थे पर अधिक धुंध व ठंड होने कारण छोटे बच्चों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। मौसम माहिरों का मानना है कि आने वाले दिनों में जहां धुंध और घनी होने के आसार हैं वहीं शीत लहर भी चल सकती है।
स्कूली बच्चों को खुद छोडऩे आए अभिभावक
घनी धुंध कारण बच्चों को अकेले स्कूल भेजने की बजाए बच्चों के अभिभावक स्कूल में छोडऩे के लिए आते देखे गए। बच्चों के माता-पिता ने प्रशासन से मांग की कि घनी धुंध को देखते हुए प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों को भी स्कूलों के समय बदलने के लिए हुक्म दिए जाएं।
फगवाड़ा में भी सामान्य जनजीवन हुआ प्रभावित
फगवाड़ा में लगातार दूसरे दिन शाम होते ही घने कोहरे की चादर छा गई। इसके चलते सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। जारी घटनाक्रम के कारण नैशनल हाईवे नं. 1 सहित विभिन्न लिंक सड़कों पर वाहन बेहद धीमी गति में चलते पाए गए। कुछ स्थानों पर वाहनों में फिर मल्टीपल टक्करें हुईं जिसके कारण उक्त वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं फगवाड़ा रेलवे स्टेशन पर अनेक यात्री कड़कड़ती ठंड में देरी से चल रही रेल गाडिय़ों की प्रतिक्षा करते परेशानी में नजर आए। समाचार लिखे जाने तक फगवाड़ा में देर रात घना कोहरा छाया हुआ था।
धुंध, कोहरे ने रोकी वाहनों, रेलगाडिय़ों की रफ्तार
साल के पहले दिन यानि नववर्ष की पहली रात्रि धुंध, कोहरा इतना ज्यादा था कि पास खड़ा व्यक्ति भी नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में जहां एक तरफ समस्त वाहन धीमी गति से अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहे थे। रेलगाडिय़ां भी रेंगती नजर आईं यानि उनकी रफ्तार अन्य दिनों के मुकाबले काफी कम रही। लंबी दूरी की रेलगाडिय़ां ही नहीं लोकल ट्रेनें भी अपने तय समय से देरी से आती-जाती नजर आईं। वहीं आवाजाही अन्य दिनों के मुकाबले काफी कम रही। हालांकि चाय, कॉफी, पकौड़े, गर्म कपड़े बेचने वाले दुकानदारों की बल्ले-बल्ले रही, लोग चौकों में खड़े होकर मूंगफली, रेवडिय़ों का भी आनंद लेते देखे गए।
इस बाबत मूंगफली के होलसेल विक्रेता दीपक सोंधी (दीपू) ने कहा कि इस बार मूंगफली की सेल ठंड बढऩे से ज्यादा हुई। मदन मोहन खट्टर ने कहा कि आज हौजरी का सामान विशेषकर दस्ताने, टोपियों की सेल ज्यादा रही, नंदन कटारिया ने कहा कि धुंध के प्रकोप के चलते यैलो लाइटों की भी ज्यादा बिक्री हुई। स्मरण रहे धुंध के कारण जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा, वहीं सर्दी का सीजन लगाने वालों की चांदी रही।