Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 10:00 AM
गुरु नानक देव अस्पताल की एमरजैंसी भगवान भरोसे चल रही है जहां बीती रात गंभीर हालत में आई महिला मरीज इलाज के लिए 3 घंटे तड़पती रही। मरीज की दयनीय हालत देख कर न तो कोई सीनियर डाक्टर मौके पर पहुंचा तथा न ही मौके पर मौजूद पी.जी. डाक्टरों ने उसका इलाज...
अमृतसर(दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल की एमरजैंसी भगवान भरोसे चल रही है जहां बीती रात गंभीर हालत में आई महिला मरीज इलाज के लिए 3 घंटे तड़पती रही। मरीज की दयनीय हालत देख कर न तो कोई सीनियर डाक्टर मौके पर पहुंचा तथा न ही मौके पर मौजूद पी.जी. डाक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया। पी.जी. डाक्टरों ने परिजनों को स्पष्ट कहा कि उनके हाथ खड़े हैं तथा उनके पास इलाज के लिए कोई भी दवाई तथा मल्हम-पट्टी मौजूद नहीं है। इस तरह डाक्टरों की नालायकी के कारण मरीज के परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
ट्रेन में चढ़ते समय घायल हुई थी वर्षा
जानकारी के अनुसार वर्षा रानी (62) अमृतसर रेलवे स्टेशन से अपने घर लुधियाना जाने के लिए बीती शाम ट्रेन पर चढऩे लगी तो अचानक उसका पांव फिसल गया तथा वह रेलवे लाइन पर जा गिरी। इस दौरान उसे गंभीर चोटें आईं। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें 108 एम्बुलैंस के जरिए गुरु नानक देव अस्पताल की एमरजैंसी में दाखिल करवाया। शाम 6.15 के करीब मरीज एमरजैंसी में पहुंची। मौके पर सर्जरी, आर्थों वार्ड का कोई भी सीनियर डाक्टर मौजूद नहीं था, पी.जी. डाक्टर ही अन्य मरीजों का इलाज कर रहे थे।
स्टाफ बोला, नहीं आती हैं टैस्टिंग किट
पी.जी. डाक्टरों ने इलाज शुरू करने से पहले मरीज के परिजनों को टैस्ट करवाने के लिए कमरा नंबर 9-10 में भेज दिया। परिजन जब टैस्ट करवाने के लिए उक्त कमरे में गए तो वहां पर मौजूद स्टाफ ने स्पष्ट कह दिया कि यहां पर तो टैसिं्टग किट आती ही नहीं हैं, आप बाहर प्राइवेट लैब से टैस्ट करवा लें। परिजन जब प्राइवेट लैब से टैस्ट करवाकर पहुंचे तो तब भी पी.जी. डाक्टरों ने इलाज शुरू नहीं किया। डाक्टर यह कहते रहे कि हमारे हाथ खड़े हैं, हमारे पास इलाज के लिए कोई सामान नहीं है। प्राइवेट मैडीकल स्टोरों से दवाइयां ले आओ, इलाज कर देंगे।
मैडीकल सुपरिंटैंडैंट के आदेश किए दरकिनार
इस दौरान मरीज के एक रिश्तेदार ने अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट से पी.जी. डाक्टर की फोन पर बात करवाई परन्तु पी.जी. ने मैडीकल सुपरिंटैंडैंट के आदेश को दरकिनार करते हुए मरीज की सुध नहीं ली। मरीज का एक्स-रे करवाने के लिए जब परिजन एमरजैंसी के दर्जा चार कर्मचारी को मिलने गए तो वह भी मौके पर मौजूद नहीं था तथा न ही एमरजैंसी में कोई स्ट्रैचर पड़ा हुआ था। कई घंटे बीत जाने के बाद मरीज को टांके लगाए गए, परन्तु मरीज की हालत बिगड़ती देखकर वर्षा के परिजन उसे गुरु रामदास अस्पताल में ले गए।
मामले की करवाई जाएगी जांच : एच.एस. सोहल
इस संबंध में जब अस्पताल के सुपरिंटैंडैंट एच.एस. सोहल से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। इस संबंध में वह ड्यूटी पर मौजूद पी.जी. डाक्टरों से भी बातचीत करेंगे। मामले की गंभीरता के साथ जांच करवाई जाएगी तथा रिपोर्ट आने के उपरांत कार्रवाई की जाएगी।
मोटा वेतन लेने वाले डाक्टर नहीं ले रहे मरीजों की सुध : महंत रामेशानंद
मरीज के साथ आए महंत रामेशानंद सरस्वती ने कहा कि अस्पताल का काम भगवान भरोसे चल रहा है। डाक्टरों के दिल कठोर हो गए हैं, मोटा वेतन लेने वाले डाक्टर मरीजों की सुध नहीं ले रहे हैं। पी.जी. के सहारे एमरजैंसी चलाई जा रही है, डाक्टरों की नालायकी के कारण गंभीर हालत में आए मरीजों की देख-भाल न होने के कारण अक्सर मौत हो जाती है। पंजाब सरकार वैसे तो उक्त अस्पताल को अति आधुनिक तकनीकों से लैस करार देती है परन्तु सुविधा टके की भी नहीं मिल रही है। ऐसे डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
औजला छापेमारी छोड़कर दवाइयां करवाएं मुहैया : जयगोपाल लाली
समाज सेवक जयगोपाल लाली ने कहा कि मरीज की हालत अभी भी दयनीय बनी हुई है। सांसद गुरजीत सिंह औजला अस्पताल में कई बार अचानक निरीक्षण (छापेमारी) कर चुके हैं परन्तु उनके निरीक्षण अखबारों में वाहवाही लूटने तक ही सीमित हैं। अस्पताल में निरीक्षण के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। मरीजों को दी जाने वाली 250 के करीब दवाइयों में से 2 दर्जन के करीब ही मिल रही हैं व गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को रूई, पट्टी, सिरिंज इत्यादि सामान बाहर से ही लाना पड़ रहा है। औजला छापेमारी छोड़कर अस्पताल में पंजाब सरकार से दवाइयां मुहैया करवाएं ताकि लोग उनको दिल से आशीष दें।