दाल और सब्जी में ‘तड़का’ बना ‘सपना’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Nov, 2017 12:38 PM

vegetable price

प्याज के बाद अब महंगे हुए टमाटर ने आम आदमी की दाल-सब्जी को फीका कर दिया है हालांकि लोगों को उम्मीद थी कि महंगाई से थोड़ी बहुत राहत मिलेगी पर आसमान जा चढ़े भावों कारण सब्जियां आम लोगों की पहुंच से बाहर होने लगी हैं।

सुल्तानपुर लोधी(धीर): प्याज के बाद अब महंगे हुए टमाटर ने आम आदमी की दाल-सब्जी को फीका कर दिया है हालांकि लोगों को उम्मीद थी कि महंगाई से थोड़ी बहुत राहत मिलेगी पर आसमान जा चढ़े भावों कारण सब्जियां आम लोगों की पहुंच से बाहर होने लगी हैं। पहले ही सब्जियों के बढ़े भाव ने गरीब आदमी के लिए इन्हें खरीदना मुश्किल कर दिया था लेकिन अब तो प्याज व बढ़े टमाटर के भाव ने इसको बनाना सपना बना दिया है। पिछले कुछ दिनों दौरान प्याज के बाद सबसे अधिक आग टमाटरों को लगी है। 

महंगे हुए प्याज व टमाटर ने आम आदमी की दाल-सब्जी को बेस्वाद कर दिया है। अच्छे भले व्यक्ति ने भी दोनों का प्रयोग कम कर दिया है जबकि मध्यवर्गीय महिलाएं प्याज व टमाटर से गुरेज करने लगी हैं। गृहिणियों ने कहा कि क्या इसको मोदी साहिब के अच्छे दिन कहेंगे। टमाटर व प्याज के बढ़े भाव ने रिकार्ड आंकड़े को भी छू लिया है। बाजार में टमाटर 80 रुपए किलो जबकि प्याज का भाव 50 से 60 रुपए प्रति किलो है।

टोमैटो प्यूरी भी गायब
आम लोगों ने टमाटर के स्थान पर टोमैटो प्यूरी का विकल्प ढूंढा है पर दुकानों से यह भी गायब होने लगी है। गृहिणी मीनू, साक्षी का कहना है कि टमाटर व प्याज के महंगे होने से उन्होंने दाल को तड़का लगाना ही छोड़ दिया है व दूसरी सब्जियों में टमाटर की मात्रा पहले से कम कर दी है। गृहिणियों ने कहा कि पहले ही दालों, सब्जियों के महंगे भाव ने हमारी रसोई का बजट हिलाया हुआ था लेकिन अब रही-सही कसर टमाटर व प्याज के बढ़े भाव ने पूरी कर दी है।

जमाखोरी व काला बाजारी का नतीजा
समाज सेवक एड. गुरमीत सिंह विरदी, एड.सतनाम सिंह मोमी आदि का कहना है कि प्रतिदिन प्रयोग की वस्तुओं की कीमतों में तेजी, कमी कारण नही बल्कि जमाखोरी व काला बाजारी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आम आदमी को दोनों हाथों से लूटा जा रहा है व इस गोरख धंधे में राजसी पक्षों के शामिल होने कारण निम्न वर्गों का महंगाई ने कचूमर निकाल दिया है।

अच्छे दिन आएंगे, अब नहीं हैं किसी डरावने सपने से कम 
व्यापारियों का कहना है कि अब तो कोई चमत्कार ही भाव कम कर सकता है। सब्जी की दुकान करने वाले प्रमुख डी.के. अरोड़ा, बाऊ अरोड़ा, एम.के. अरोड़ा ने बताया कि प्याज का उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में फसल अच्छी नही हुई जिस कारण प्याज व टमाटर के भाव बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब में भी फसल का कम उत्पादन संकट रेट बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। शाम लाल, छोटू, पप्पू आदि का कहना है कि महंगाई के डंक ने तो अब मध्यवर्ग को भी प्रभावित कर दिया है। चुनावों दौरान केंद्र में सत्ता में आई भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे दिन आएंगे अब किसी डरावने सपने से कम नही लग रहे हैं। आम लोगों को महंगाई से राहत देने का वायदा भी अब मृगतृष्णा ही साबित हुआ है। 

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