Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 12:38 PM
रैडीमेड एक्सपोर्ट के फर्जी दस्तावेज दिखा कर करीब डेढ़ करोड़ के वैट रिफंड स्कैम में ई.डी. ने जलधारा एक्सपोर्ट लुधियाना की लुधियाना में स्थित करीब 79 लाख की 3 प्रॉपर्टियां अटैच की हैं। जानकारी के मुताबिक ई.डी. द्वारा वैट रिफंड घोटाले में पी.एम.एल.ए....
जालंधर(प्रीत): रैडीमेड एक्सपोर्ट के फर्जी दस्तावेज दिखा कर करीब डेढ़ करोड़ के वैट रिफंड स्कैम में ई.डी. ने जलधारा एक्सपोर्ट लुधियाना की लुधियाना में स्थित करीब 79 लाख की 3 प्रॉपर्टियां अटैच की हैं। जानकारी के मुताबिक ई.डी. द्वारा वैट रिफंड घोटाले में पी.एम.एल.ए. 2002 के अधीन केस की जांच के दौरान जलधारा एक्सपोर्ट के रमन कुमार गर्ग को अक्तूबर महीने में गिरफ्तार किया गया।
साल 2013 से लेकर अक्तूबर महीने तक न तो रमन कुमार गर्ग ई.डी. के समक्ष पेश हुआ और न ही उसके परिजन। अक्तूबर माह में ई.डी. के ज्वाइंट डायरैक्टर गिरीश बाली और डिप्टी डायरैक्टर निरंजन सिंह की टीम ने योजनाबद्ध ढंग से रमन कुमार गर्ग को काबू कर लिया। ई.डी. अधिकारियों के मुताबिक जांच के दौरान मई 2016 में रमन कुमार गर्ग की 58 लाख 45 हजार रुपए कीमत की 2 प्रॉपर्टियां अटैच की गई थीं। अब जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर ई.डी. अधिकारियों द्वारा रमन कुमार गर्ग की लुधियाना में स्थित 79,84,003 रुपए (सरकारी वैल्यू) की 3 प्रॉपर्टियां अटैच की गई हैं।
यह है मामला
जुलाई 2013 को असिस्टैंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर लुधियाना-1 द्वारा जलधारा एक्सपोर्ट के मालिक रमन कुमार गर्ग के खिलाफ थाना डिवीजन नम्बर-5 में धोखाधड़ी की एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई। इसके तहत रमन कुमार गर्ग को गिरफ्तार किया गया और चालान अदालत में पेश किया गया। इस मामले में प्रीवैंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट-2002 की अवहेलना पाए जाने पर ई.डी. द्वारा अगस्त 2013 को पी.एम.एल.ए. 2002 के अंतर्गत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच में खुलासा हुआ कि जलधारा एक्सपोर्ट के रमन कुमार गर्ग द्वारा साल 2012-13 में 33.36 करोड़ रुपए के रैडीमेड गारमैंट्स बंगलादेश भेजने की एक्सपोर्ट के दस्तावेज पेश किए गए, जो कि जाली पाए गए। खुलासा हुआ कि रमन कुमार गर्ग ने रैडीमेड एक्सपोर्ट के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 1,56,76,190 रुपए का वैट रिफंड ले लिया था। वैट रिफंड की रकम अपने अकाऊंट में आते ही रमन ने सारी पेमैंट अपने परिजन विनोद कुमार, उमेश गर्ग, सीमा गर्ग, संगीता गर्ग, सायरा उर्फ दीपिका गर्ग के अकाऊंट में ट्रांसफर कर दी। पहले तो उक्त लोगों ने सम्मन भेजे जाने के बावजूद इन्वैस्टीगेशन ’वाइन नहीं की, लेकिन जब रमन गर्ग की गिरफ्तारी हुई तो डर के मारे सभी लोगों ने इन्वैस्टीगेशन ’वाइन कर ली।