Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 10:16 AM
केंद्र सरकार की डिजीटल इंडिया मुहिम को ब्रेक लगती नजर आ रही है। यूनिक आईडैंटीफिकेशन अथार्टी आफ इंडिया द्वारा आधार कार्ड बनाने व संशोधन करने के लिए सर्टीफाइड किए गए निजी ग्राम सुविधा केंद्रों में काम कर रहे लाखों सुपरवाइजरों व आप्रेटरों से आधार कार्ड...
कपूरथला (गुरविन्द्र कौर): केंद्र सरकार की डिजीटल इंडिया मुहिम को ब्रेक लगती नजर आ रही है। यूनिक आईडैंटीफिकेशन अथार्टी आफ इंडिया द्वारा आधार कार्ड बनाने व संशोधन करने के लिए सर्टीफाइड किए गए निजी ग्राम सुविधा केंद्रों में काम कर रहे लाखों सुपरवाइजरों व आप्रेटरों से आधार कार्ड बनाने व संशोधन करने की 18 अक्तूबर से सारी शक्तियां छीन ली गई हैं जिससे शहरों व गांवों में एक प्रकार से आधार कार्ड बनाने व ठीक करने का काम बंद हो गया है और करीब 3.30 लाख से अधिक सुपरवाइजर व आप्रेटर बेरोजगार हो गए हैं। वहीं लोगों को आधार कार्ड बनाने के लिए परेशानी आ रही है।
लोगों की परेशानियां बढ़ीं
एक तरफ जहां केंद्र सरकार द्वारा आधार कार्ड बनाना लाजिमी है, वहीं दूसरी ओर आधार कार्ड बनाने का काम फिलहाल प्राइवेट विभागों में बंद कर दिया गया है जिस कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। केंद्र सरकार ने 8 नवम्बर को आधार कार्ड को डाऊनलोड करने की यह सुविधा भी छीन ली है। ऐसे लगता है जैसे केंद्र सरकार के नोटबंदी के जन्मदिवस पर आधार कार्ड बंदी भी नई परेशानी के रूप में लोगों को प्रदान की हो।
सरकारी इमारतों में बैठकर काम करेंगे प्राइवेट आप्रेटर
केंद्र सरकार ने प्राइवेट तौर पर काम कर रहे सुपरवाइजरों व आप्रेटरों के लिए सरकारी इमारतों में बैठकर काम करना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि प्राइवेट आप्रेटरों द्वारा आधार कार्ड बनाने के लिए आम लोगों से वसूले जा रहे मनमर्जी के पैसों को रोका जा सके। बतातें चलें कि जहां यू.आई.डी.आई. ने गत 18 अक्तूबर को इन आप्रेटरों की मशीनें बंद कर दीं , लेकिन अभी तक किसी सरकारी दफ्तर या इमारत में बैठकर संबंधित अधिकारी से काम करने की अनुमति प्राप्त नहीं हुई है।