Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 10:03 AM
महंगाई का दैत्य आम आदमी का कचूमर निकाल रहा है जिस तरफ न तो सरकार एवं न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान होने के कारण गरीब आदमी का गुजारा करना मुश्किल हो चुका है। बाजार में सब्जियों के भाव दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं.......
सुल्तानपुर लोधी (धीर): महंगाई का दैत्य आम आदमी का कचूमर निकाल रहा है जिस तरफ न तो सरकार एवं न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान होने के कारण गरीब आदमी का गुजारा करना मुश्किल हो चुका है। बाजार में सब्जियों के भाव दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं जिसने प्रत्येक इंसान की जेब का बजट हिलाकर रख दिया है। सब्जियों के रेट बढऩे के कारण जहां आम जनता दुखी है, वहीं सब्जी बेचने वाले विक्रेता भी दुखी हैं क्योंकि रेट बढऩे के कारण सब्जियों की बिक्री भी काफी कम हो गई है। सब्जी विक्रेताओं के कहने अनुसार तकरीबन सब्जियां बाहरी प्रदेशों से आ रही हैं।
इसी कारण सब्जियों के रेट बढ़ रहे हैं। आजकल जो सब्जियां जैसे कि टमाटर, मटर, शिमला मिर्च व गोभी आदि हिमाचल प्रदेश से आ रही हैं, इस कारण ही सब्जियों के रेट आम जनता की पहुंच से बाहर हो गए हैं। सब्जियों के रेट बढ़े होने के कारण लोगों का दालों की तरफ झुकाव बढ़ गया है।
सब्जी से रोटी खाना बना सपना
सब्जियों के बढ़े हुए रेटों के कारण गरीब परिवार के लिए सब्जी से रोटी खाना एक सपना बन गया है क्योंकि सर्द ऋतु की सब्जियां जैसे गोभी, मटर, गाजर, बैंगन आदि के रेट आसमान छू रहे हैं, जिस कारण सब्जी खरीदना आम व गरीब वर्ग की पहुंच से दूर हो गया है। रोजाना मजदूरी करके परिवार का पेट भरने वाले रामू, गुरशरण, सोम नाथ, कुलविन्द्र आदि ने कहा कि सुबह से लेकर शाम तक मेहनत-मजदूरी करते हैं लेकिन जब बाजार में सब्जी खरीदते समय सारी जेब ही हल्की हो जाती है और कई जरूरी चीजों को खरीदना मुश्किल ही नहीं मुमकिन हो जाता है जिस कारण कई बार एक ही सब्जी को 2 या 3 दिन थोड़ी-थोड़ी खाने को मजबूर होना पड़ता है। पहले तो प्याज व टमाटर के रेट अधिक थे लेकिन अब तो सब्जी के रेटों ने जीना मुश्किल कर दिया है।
मन की बात से नहीं, कुछ करने से घटती है महंगाई ‘मोदी जी’
मोदी साहिब कब आएंगे अच्छे दिन यह बात आज प्रत्येक गरीब व्यक्ति की जुबान पर है। गरीबों का कहना है कि मोदी जी कि मन की बात से नहीं, कुछ करने से महंगाई घटेगी। लोगों को महंगाई से राहत मिलनी चाहिए जिस तरफ न तो सरकार एवं न ही किसी मंत्री का ध्यान है, सिर्फ मीडिया में चर्चा बनने के लिए लीडर वोटों के समय गरीब जनता के साथ भद्दा मजाक करते हैं।
वहीं बुजुर्ग मस्सा सिंह, सुखचैन सिंह, नरिन्द्र सिंह का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर में कुछ स्थान खाली छोड़कर सब्जी जरूरत के अनुसार लगानी चाहिए। एक तो यह सब्जी खादों व दवाओं से रहित होगी, दूसरा सब्जियों के रेट भी अधिक नहीं बढ़ेंगे। अगर प्रत्येक आदमी ऐसा करे तो बाहरी प्रदेशों से सब्जी मंगवाने की जरूरत ही नहीं होगी।