Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 10:40 AM
स्टूडैंट वीजा का गोरखधंधा इतना बड़ा है कि अभी इसकी सारी परतें खुलने में काफी समय लग सकता है। स्टडी वीजा के नाम पर आजकल शहर के कोने-कोने में एजैंट युवा वर्ग को गुमराह करने में लगे हुए हैं। दोआबा क्षेत्र में विदेश जाने का क्रेज इतना बड़ा है कि ज्यादा...
जालंधर(अमित कुमार): स्टूडैंट वीजा का गोरखधंधा इतना बड़ा है कि अभी इसकी सारी परतें खुलने में काफी समय लग सकता है। स्टडी वीजा के नाम पर आजकल शहर के कोने-कोने में एजैंट युवा वर्ग को गुमराह करने में लगे हुए हैं। दोआबा क्षेत्र में विदेश जाने का क्रेज इतना बड़ा है कि ज्यादा आयु वाले लोग भी स्टूडैंट बनकर बाहर जाने के लिए लाखों रुपए खर्च करने के लिए तैयार रहते हैं। लोगों के इसी क्रेज का फायदा शहर में अवैध रूप से वीजा कंसल्टैंट बनकर बैठे लालची लोग उठा रहे हैं। आए दिन सुनने को मिलता है कि किसी जाली एजैंट ने विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए ठग लिए। या फिर बहुत से लोग कहते हुए सुने जा सकते हैं कि उन्होंने स्टूडैंट वीजा अप्लाई किया था लेकिन उनकी फाइल रिजैक्ट हो गई। स्टूडैंट का वीजा लगे न लगे फाइल तैयार करने वाले और लगाने वाले एजैंटों को फायदा होना निश्चित है क्योंकि फाइल भरने के समय से ही उनकी कमाई शुरू हो जाती है। हाल ही में पुलिस प्रशासन ने बहुत बड़े स्तर पर कुछ लोगों पर कार्रवाई की है जो कि गलत ढंग से जाली दस्तावेजों की सहायता से स्टडी वीजा लगवाने का काम कर रहे थे। ऐसा नहीं है कि ऐसी कार्रवाई पहली बार हुई है। पहले भी बहुत बार पुलिस अपनी कार्रवाई करती रही है, लेकिन पहली बार हुआ है कि पुलिस द्वारा लगातार जाली एजैंटों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
आस-पास के क्षेत्रों से आने वालों के लिए बना सबसे बढिय़ा विकल्प
पिछले कुछ वर्षों के दौरान जालंधर शहर पूरे दोआबा क्षेत्र का स्टूडैंट वीजा हब बन चुका है, क्योंकि विदेश जाने के इच्छुक ज्यादातर लोग आस-पास के क्षेत्रों जैसे कि फगवाड़ा, कपूरथला, करतारपुर, नकोदर, शाहकोट, भुलत्थ, बेगोवाल, नडाला, होशियारपुर आदि से ही आते हैं और उनके लिए जालंधर ही सबसे नजदीकी और बढिय़ा विकल्प है। भारी गिनती में आस-पास के इलाकों से आने वाले लोगों की संख्या को देख कर ही शहर में स्टडी वीजा के सैंकड़ों दफ्तर खुल चुके हैं और बहुत से लगातार खुलते जा रहे हैं। जालंधर में आने वाले लोगों को एक साथ बहुत से स्टडी वीजा कंसल्टैंटस के पास राय लेने की सहूलत मिल जाती है जिस कारण जालंधर को हब का दर्जा प्राप्त हुआ है।
500 से ज्यादा अवैध एजैंट, ज्यादातर बस स्टैंड के नजदीक
इस समय शहर के अंदर 500 से ज्यादा लोग हैं, जो कि अवैध रूप से इस धंधे में लगे हुए हैं और इनमें से ज्यादातर लोगों के दफ्तर बस स्टैंड के आस-पास ही स्थित हैं। बस स्टैंड के आस-पास की बहुत सी बिल्डिंगों के बाहर स्टडी वीजा के बोर्ड भरे पड़े हैं। एक तरह से इस इलाके को विदेश जाने के इच्छुक लोगों का मक्का भी कहा जाता है। नजदीकी गांवों और कस्बों से लोग सीधा बस स्टैंड उतरते हैं और किसी न किसी एजैंट के पास फंस जाते हैं।
विदेशी लड़कियां करती हैं ग्राहक फंसाने का काम
शहर में कुछ स्टडी वीजा का काम करने वाले दफ्तर ऐसे भी हैं, जिनके मालिकों ने अपने दफ्तरों में बहुत मोटी रकम खर्च करके फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली विदेशी लड़कियों को रखा हुआ है जो कि उनके दफ्तर में वीजा के लिए आने वाले ग्राहकों को वीजा संबंधी जानकारी देने का काम करती हैं और अपने दिलकश अंदाज और चिकनी-चुपड़ी बातों में उलझा कर ग्राहक को फंसाने का काम कर रही हैं।
यूनिवर्सिटी के जाली ऑफर लैटर करते हैं तैयार
बहुत से एजैंट ऐसे हैं, जो छात्रों को अलग-अलग यूनिवर्सिटियों के जाली ऑफर लैटर तैयार करके देते हैं और अपने झांसे में फंसा लेते हैं। इस काम को अंजाम देने के लिए एजैंट खुद को बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटियों का अधिकृत एजैंट बताते हैं और जब ऑफर लैटर इशू करने की बारी आती है तो जानबूझकर थोड़ा लेट करते हैं और बाद में अपने दफ्तर में कम्प्यूटर सिस्टम पर जाली ऑफर लैटर तैयार करके दे देते हैं।
गोरों को फर्जी डीन या काऊंसलर बताकर बनाते हैं बुद्धू
ऐसे एजैंट दिल्ली या मुंबई में बैठे गोरों को अपने पास बुलाकर उनको किसी कालेज या यूनिवॢसटी का फर्जी डीन अथवा काऊंसलर बताकर छात्रों को बुद्धू बनाने का काम भी कर रहे हैं।
सीधा यूनिवर्सिटी के खाते में पैसे न डलवा कर मांगते हैं नकद राशि
ऐसे जालसाज एजैंट यूनिवर्सिटीयों और कालेजों के बैंक खातों में सीधा पैसे जमा न करवाकर छात्रों से नकद राशि की डिमांड करते हैं और बाद में उस पैसे को खुद इस्तेमाल करके भोले-भाले छात्रों के साथ फर्जीवाड़ा करते हैं। ऐसे एजैंट बाद में पैसे काफी देर इस्तेमाल करके अपनी मर्जी से किस्तों में चुकाते हैं। इतना ही नहीं डालर के दाम में आए उतार-चढ़ाव को कारण बताकर 10-15 प्रतिशत रकम अपनी जेब में डाल लेते हैं।