Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 11:20 AM
देश का अन्न भंडार भरने वाले पंजाब के किसान ने देश की जनता के लिए दो वक्त के भरपेट अनाज का प्रबंध करते-करते अपनी आगामी पीढ़ी के लिए ही कई खतरे पैदा कर लिए हैं।
गढ़शंकर (शोरी): देश का अन्न भंडार भरने वाले पंजाब के किसान ने देश की जनता के लिए दो वक्त के भरपेट अनाज का प्रबंध करते-करते अपनी आगामी पीढ़ी के लिए ही कई खतरे पैदा कर लिए हैं।
कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग का नतीजा ही है कि जहां देश में प्रति 1 लाख की आबादी में 80 मरीज कैंसर के होते हैं वहीं पंजाब में यह आंकड़ा 90 का है। पंजाब के मालवा क्षेत्र को कैंसर बैल्ट के रूप में देखा जा रहा है, जहां यह आंकड़ा 136 का है। मालवा में हर रोज 18 लोग कैंसर के कारण मौत का शिकार हो रहे हैं। सब्जियों व अनाज पर कीटनाशकों के होने वाले स्प्रे के कारण आम लोगों की जिंदगी पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
कीटनाशकों की बदौलत कैंसर पीड़ितों की बढ़ रही गिनती व ऊपर से प्रदेश में इलाज के पूरे प्रबंध न होने कारण ही अबोहर से राजस्थान के बालगढ़ को जाने वाली एक रेलगाड़ी का नाम ही कैंसर ट्रेन पड़ चुका है। इस ट्रेन द्वारा गरीब लोग सस्ते इलाज के लिए मजबूरन राजस्थान जाते हैं। इतना सब कुछ होने के बावजूद पंजाब में कीटनाशकों पर पाबंदी लगाने या कोई ठोस नीति बनाने के लिए न तो सरकार ने कोई प्रोग्राम शुरू किया है न ही विपक्षी दल इस तरफ मुंह खोल रहे हैं। जरूरत इस बात की भी है कि हर कैंसर पीड़ित का इलाज सरकारी खजाने में से हो और कैंसर पीड़ित व्यक्ति के परिवार को सरकार हर महीने आॢथक सहयोग भी करे। कैंसर सरकारों की लापरवाही का ही नतीजा है।