Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 03:33 PM
नगर कौंसिल की प्रधानगी हलका विधायक दर्शन सिंह बराड़ के लिए आए दिन नई सिरदर्दी पैदा कर रही है। विधायक व उसके बेटे कमलजीत सिंह बराड़ इस नई सिरदर्दी से बचने के लिए विभिन्न ढंग अपना रहे हैं, लेकिन नगर कौंसिल के लिए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के प्रमुख दावेदार...
बाघापुराना (मनीष) : नगर कौंसिल की प्रधानगी हलका विधायक दर्शन सिंह बराड़ के लिए आए दिन नई सिरदर्दी पैदा कर रही है। विधायक व उसके बेटे कमलजीत सिंह बराड़ इस नई सिरदर्दी से बचने के लिए विभिन्न ढंग अपना रहे हैं, लेकिन नगर कौंसिल के लिए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के प्रमुख दावेदार पार्षदों की नाराजगी दूर करने के लिए कोई ठोस हल नहीं निकल रहा। उधर, शहर निवासियों में प्रधानगी के मुद्दे को लेकर चर्चाएं चल रही है, जो कि आने वाली 2019 की लोकसभा चुनाव में विधायक बराड़ तथा कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौती बनकर खड़ी हो सकती है।
चाहे पार्षदों की कथित गुटबंदी खत्म करने के लिए विधायक के बेटे ने गत दिवस नगर कौंसिल की चुनी गई अध्यक्ष अनु मित्तल के घर दो पार्षदों को छोड़कर बाकी पार्षदों से बैठक भी की थी। सूत्रों का कहना है कि यह बैठक भी कोई ठोस हल नहीं निकाल सकी। चुने गए बहुगिनती पार्षद जो कि दलित बिरादरी से संबंधित हैं, में किसी एक को भी कोई मान-सम्मान नहीं दिया गया।
जबकि दलित वोट के बड़े हिस्से को शुरू से ही कांग्रेस का कट्टर समर्थक समझा जाता है। यही नहीं जगसीर सिंह के पिता कई दशकों से बुरे से बुरे समय में भी कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे हैं तथा वर्ष 1992 से लेकर 2007 की विधानसभा चुनाव तक लगते हलका पंजगराई हलके की टिकट के दावेदार भी रहे हैं। इनका परिवार आज भी कांग्रेस पार्टी के लिए वफादारी का दम भरता है। शहर की बड़ी गिनती दलित आबादी वालों की अनदेखा करने के चलते अंदर से दलित लोग कांग्रेस प्रति नाराज चल रहे हैं, जो किसी भी समय नुकसानदायक हो सकता है।