Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 12:16 PM
जम्मू-कश्मीर से सेब की पेटियों में छिपाकर लाए गए चूरा-पोस्त का मामला पहला नहीं है, इससे पहले करोड़ों रुपए की ब्राऊन शूगर इसी तरह सेब की पेटियों से पकड़ी जा चुकी है।
लुधियाना (पंकज): जम्मू-कश्मीर से सेब की पेटियों में छिपाकर लाए गए चूरा-पोस्त का मामला पहला नहीं है, इससे पहले करोड़ों रुपए की ब्राऊन शूगर इसी तरह सेब की पेटियों से पकड़ी जा चुकी है। जम्मू-कश्मीर में चोरी-छिपे अफीम की खेती करना किसी से छिपा नहीं है परंतु सर्दी में सेब का सीजन वहां के तस्करों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। प्रतिदिन श्रीनगर से सेब की फसल से लदे ट्रक पंजाब, दिल्ली व मुम्बई सहित अन्य राज्यों में जाते हैं। ट्रकों में लदी हजारों पेटियों की तलाशी असंभव है। इसी का फायदा उठाते हुए वहां के तस्कर करोड़ों रुपए की अफीम, चूरा-पोस्त व हैरोइन अपने साथियों को भेजते रहते हैं।
पेटी पर लगाते हैं विशेष निशान
एक ट्रक में हजारों की तादाद में सेब की पेटियां लादी जाती हैं परंतु जिस पेटी में मादक पदार्थों की खेप रखी जाती है, उस पर विशेष प्रकार का निशान लगाया जाता है, ताकि उनके साथी आसानी से उसे पहचान लें।
कैलाश सिनेमा चौक स्थित फ्रूट शॉप पर उजागर हुआ था मामला
वर्षों पहले कैलाश सिनेमा चौक के करीब स्थित एक फ्रूट शॉप के मालिक ने मंडी से आई सेबों की पेटियों को जब खोला तो एक पेटी में उसे ब्राऊन कलर के पाऊडर वाले पैकेट मिले, जिस पर उसने सी.आई.ए. पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने जब उक्त पैकेट चैक किए तो उसमें करोड़ों रुपए की ब्राऊन शूगर निकली थी। जिस पेटी से पैकेट निकले थे, उस पर उर्दू भाषा में लिखा होने के अलावा विशेष निशान भी था, जोकि तस्करों की बजाय गलती से फ्रूट विक्रेता के पास पहुंच गई थी।