Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 01:18 PM
पंजाब के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में सरकारी अध्यापकों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आर.टी.आई. से मिली जानकारी के अनुसार गणित, अंग्रेजी, विज्ञान जैसे विषयों में खुद फेल हो चुके शिक्षक पंजाब के सरकारी प्राइमरी...
चंडीगढ़ः पंजाब के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में सरकारी अध्यापकों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आर.टी.आई. से मिली जानकारी के अनुसार गणित, अंग्रेजी, विज्ञान जैसे विषयों में खुद फेल हो चुके शिक्षक पंजाब के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है।
एन.जी.ओ सोशल रिफॉर्मर्स के राजेश गुप्ता और आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्य प्रवक्ता हरजोत सिंह बैंस तथा वकील और डाटा एनालिस्ट ने बताया कि संगठन के उपाध्यक्ष और फिरोजपुर के मोहरेवाला गांव के सरपंच हरप्रीत सिंह संधू ने सूचना अधिकार के तहत पंजाब में पिछले दस सालों में सरकारी प्राइमरी स्कूलों के उन शिक्षकों की जानकारी मांगी थी जो खुद दसवीं में विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और हिंदी में फेल हुए थे। अब तक उन्हें 20 % जानकारी ही मिली सकी है, जिसमें दस जिलों के विभिन्न ब्लॉकों का ब्योरा है।
इसके मुताबिक 313 टीचर ऐसे हैं जो मैथ, साइंस, अंग्रेजी, सोशल साइंस और हिंदी में पास नहीं हो सके थे। तरनतारन में टीचरों को अंग्रेजी में एक, चार, मैथ में नौ अंक मिले हैं। तरनतारन में ऐसे 36, मोगा में 59, मुक्तसर में 50, फाजिल्का में 31, फिरोजपुर में 46, होशियारपुर में 45 टीचर हैं जो प्रमुख विषयों में दसवीं कक्षा में पास नहीं हो सके थे।
इस बार सबसे ज्यादा खराब रिजल्ट इन्हीं विषयों का रहा था। लुधियाना के दोराहा ब्लॉक में 19, पठानकोट में 18, नवांशहर के बंगा ब्लॉक में पांच टीचर दसवीं में फेल हुए थे। संधू ने कहा कि कई जगह गुमराह भी किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हरजोत बैंस ने कहा कि इससे साफ है कि पंजाब के स्कूलों का नतीजा क्यों लगातार गिर रहा है। पिछले साल एक लाख बच्चे मैथ और 70 हजार अंग्रेजी में फेल हुए थे। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की मांग केलिए वह हाईकोर्ट की शरण लेंगे।