Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 01:01 PM
देश भर के 4,000 से ज्यादा शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू हो चुका है और जालंधर में भी इस सर्वेक्षण हेतु केन्द्र सरकार की टीम कुछ ही दिनों में आने वाली है। यह टीम शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा लेकर इसे स्वच्छता के हिसाब से रैंकिंग प्रदान करेगी। इस...
जालंधर (खुराना): देश भर के 4,000 से ज्यादा शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू हो चुका है और जालंधर में भी इस सर्वेक्षण हेतु केन्द्र सरकार की टीम कुछ ही दिनों में आने वाली है। यह टीम शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा लेकर इसे स्वच्छता के हिसाब से रैंकिंग प्रदान करेगी। इस रैंकिंग के हिसाब से निगम को केन्द्र से ग्रांट मिलने के मानक तय किए जाएंगे। शहर की सफाई व्यवस्था की बात करें तो इस मामले में गाड़ी पटरी पर नहीं आ रही। शहर की मेन सड़कों पर कूड़े के डम्प बने हुए हैं और खुले में पड़ा हुआ कूड़ा लोगों के लिए भारी परेशानियां पैदा कर रहा है। वैसे तो निगम के पास रोज का कूड़ा उठाने हेतु वर्क फोर्स तथा मशीनरी मौजूद है परंतु अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई बार स्थिति अत्यंत विकट हो जाती है। आज भी ऐसी ही एक विकट स्थिति का सामना निगम को करना पड़ा। जब निगम की वर्कशाप स्थित पैट्रोल पम्प पूरी तरह ड्राई हो गया और कूड़ा ढोने वाली गाडिय़ों को तेल ही नहीं मिला। नगर निगम जिस प्राइवेट पैट्रोल पम्प से कभी-कभार तेल ले लिया करता था, उसने भी उधारी देने से मना कर दिया। इस कारण आज शहर में से कूड़ा नहीं उठाया जा सका और सभी मेन सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे रहे।
ओल्ड जी.टी. रोड पर हालत सबसे ज्यादा खराब
खुले में पड़े कूड़े संबंधी सबसे बुरी हालत आज ओल्ड जी.टी. रोड पर स्थित प्लाजा चौक में देखने को मिली। जहां भारी संख्या में कूड़ा ऐसे पड़ा हुआ था जैसे किसी ने प्रदर्शनी लगाई हो। इन दिनों क्षेत्र की शॉपकीपर मार्कीट इस क्षेत्र को सुंदर बनाने में लगी हुई है परंतु कूड़े के इन ढेरों ने एसोसिएशन के उत्साह को भी ठंडा कर दिया है। इस क्षेत्र में पुरानी के.पी. बेकरी के अलावा आधा दर्जन के करीब प्रमुख ’वैलर्स के शोरूम हैं तथा बड़े-बड़े कारोबारियों के ऑफिस हैं परंतु जी.टी. रोड पर पड़े कूड़े के ढेर पूरे क्षेत्र को ग्रहण लगाते दिखे।
प्रधानमंत्री से ही कुछ सीख ले लो
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ साल पहले स्वच्छ भारत अभियान लांच किया था, जिसके बाद से आम लोगों में साफ-सफाई प्रति कुछ जागृति आवश्य आई। अब बच्चे और युवा भी टॉफी या चिप्स के पैकेट का रैपर इत्यादि इधर-उधर फैंकने की बजाय डस्टबीन ढूंढते दिख जाते हैं। कुछ माह पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री मोदी ने जब उद्घाटन किया तो उन्हें प्रसाद के साथ-साथ एक नैपकिन भी दिया गया। प्रधानमंत्री ने प्रसाद खाने के बाद उस नैपकिन से हाथ पोंंछे और नैपकिन को फोल्ड करके अपनी जैकेट की जेब में डाल लिया। वीडियो कैमरे ने यह दृश्य कैद कर लिया और अब तक यह वीडियो वायरल होकर लाखों-करोड़ों लोगों तक पहुंच चुकी है। एक ओर तो निगम आम लोगों से सफाई की अपेक्षा करता है तथा छोटे दुकानदारों के पीछे पड़ा रहता है। इन दिनों भी निगम गंदगी फैलाने वाले दुकानदारों के चालान धड़ाधड़ काट रहा है परंतु सड़कों पर यूं गंदगी फैलाने वाले निगम का चालान कौन काटेगा?