Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 09:45 AM
मुख्यमंत्री का शहर पटियाला जिसको शाही शहर कहते हैं, में शाही लोगों को यहां शाही अंदाज में खाना नसीब होता है। श
पटियाला(परमीत): मुख्यमंत्री का शहर पटियाला जिसको शाही शहर कहते हैं, में शाही लोगों को यहां शाही अंदाज में खाना नसीब होता है। शहर की संस्कृति के अंतर्गत जहां अमीर लोग बड़े-बड़े होटलों में खाने का लुत्फ लेते नजर आते हैं, वहीं गरीब लोग रेहडियों पर खाना खाकर बीमार हो रहे हैं। इन रहेड़ी वालों को सेहत विभाग का कोई खौफ नहीं है और रेहडियों पर नियमों का खुलकर उल्लंघन होता है। शहर में होटलों की भरमार है जिनमें बहुत ज्यादा शाही होटलों से लेकर अच्छे हाई क्लास ढाबे मौजूद हैं, वहीं शहर के कई इलाकों में रेहडियां खाना परोसने के लिए मशहूर हैं।
शहर के कैपिटल सिनेमा के पास और बस स्टैंड के नजदीक गोपाल मार्कीट खाना परोसने के लिए प्रसिद्ध हैं। कैपिटल सिनेमा के पास तो रेहडियां ज्यादातर दोपहर का खाना परोसती हैं जबकि गोपाल मार्कीट में तकरीबन दिन-रात ही खाना उपलब्ध रहता है। यहां खासतौर पर परौंठे खाने के शौकीन ज्यादा पहुंचते हैं। खाने वाली रेहडियां त्रिपड़ी इलाके में, पंचायत विभाग के साथ, सरकारी प्रैस सरङ्क्षहद रोड में और शहर के पाश इलाके 22 नंबर में भी लगती हैं।
गंदगी का 500 रुपए तक होता है चालान
नगर निगम के हैल्थ ऑफिसर सुदेश प्रताप सिंह का कहना है कि नगर निगम की तरफ से सफाई के मामले में रूटीन चैकिंग की जाती है। जिन स्थानों पर गंदगी पाई जाती है, वहां चालान किए जाते हैं और 500 रुपए तक जुर्माना हो सकता है। यदि कोई बार-बार चालान के हालात पैदा करे तो फिर मामला अदालत में भेजा जाता है जो सजा बारे भी फैसला ले सकती है।
क्या कहते हैं डाक्टर
इस मामले में जब जिला स्तरीय माता कौशल्या अस्पताल के डाक्टर विकास गोयल के साथ संपर्क किया तो उनका कहना था कि यदि फूड प्वाइजङ्क्षनग हो जाए तो व्यक्ति को लगातार दस्त और उल्टियां लग जाती हैं। बुखार चढ़ सकता है और कई बार हालात ज्यादा बिगडऩे पर जान के लिए खतरा भी बन जाता है। शुरूआती पड़ाव में व्यक्ति बेहोशी की हालत में आ जाता है। डा. गोयल का कहना था कि लोगों को रेहडिय़ों और अन्य गंदगी वाले स्थानों पर खाना खाने से गुरेज करना चाहिए।
अक्सर गंदे हाथों के साथ ही परोसा जाता है खाना
शहर में रेहडिय़ों पर खाना परोसने के मामले में कुछ स्थान ऐसे हैं जहां अक्सर देखने को मिल जाता है कि खाना परोसने के काम में लगे कर्मचारी गंदे हाथों के साथ ही खाना परोस देते हैं। कुछ स्थानों पर मक्खियों की भरमार भी देखने को मिलती है। ऐसे में खाने की क्वालिटी अपने आप में प्रश्न चिन्ह बन जाती है।
सेहत विभाग की तरफ से रैगुलर होती है चैकिंग : एफ.एस.ओ.
सेहत विभाग की तरफ से खाने की क्वालिटी चैक करने के मामले में रूटीन में चैकिंग की जाती है। इस मामले में फूड सेफ्टी ऑफिसर पुनीत शर्मा का कहना है कि विभाग नियमित तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाता है। आंकड़ों के मामले में उनका कहना था कि छुट्टी होने के कारण रिकार्ड दफ्तर में है और इस बारे मंगलवार को ही बताया जा सकता है।