Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 10:42 AM
इस समय सम्पूर्ण मनाव जाति शोर-शराबे का शिकार हो रही है। दिन चढ़ते ही वाहनों की तेज आवाजें कान भेदने लगती हैं और यह सिलसिला देर रात तक लगातार चलता रहता है। ध्वनि प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। यदि यह सिलसिला लगातार इसी तरह...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): इस समय सम्पूर्ण मनाव जाति शोर-शराबे का शिकार हो रही है। दिन चढ़ते ही वाहनों की तेज आवाजें कान भेदने लगती हैं और यह सिलसिला देर रात तक लगातार चलता रहता है। ध्वनि प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। यदि यह सिलसिला लगातार इसी तरह चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे देश में बहरों की एक बड़ी फौज खड़ी हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जब लड़के या लड़की का विवाह होता है तो कई दिनों तक डी.जे. लगाए रखते हैं। पूरी-पूरी रात डी.जे. की धमधम होती रहती है व ऊंची आवाज में गीत चलते रहते हैं जिसके चलते लोगों को परेशान होना पड़ता है। जानकारी के अनुसार जिला श्री मुक्तसर साहिब अधीन आते शहरों मलोट, गिद्दड़बाहा के अतिरिक्त मंडियों व बड़े कस्बों में 450 के करीब डी.जे. सिस्टम हैं, जो शहर में ध्वनि प्रदूषण फैलाने में अहम योगदान दे रहे हैं।
पंजाब सरकार ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों पर शिकंजा कसे व कानून की उल्लंघना करने वालों को सख्त सजा दे। तभी लोगों में कानून का भय पैदा होगा। अनेकों लोग टै्रक्टरों पर बड़े-बड़े म्यूजिक सिस्टम लगाकर फुल आवाज में गाने चलाते हैं जिसके चलते अन्य वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ट्रैक्टर चालक पीछे आ रहे वाहनों को साइड भी नहीं देते।
-समाज सेवक दरशिंदर सिंह
लगाओ बई डी.जे.
माननीय हाईकोर्ट द्वारा ध्वनि प्रदूषण रोकने संबंधी गाइडलाइंस जारी होने के बावजूद लोग कानून की परवाह नहीं करते। पहले तो लोग विवाह आदि के समय ही घरों या पैलेसों में डी.जे. लगाकर नाचते थे परंतु अब तो किसी मुलाजिमों की सेवामुक्ति होती है या परिवार के किसी मैंबर को विदेश जाने के लिए जहाज पर चढऩा होता है तो लोग कहते हैं लगाओ बई अब डी.जे.।
इस दौरान सुबह समय अखंड पाठ का भोग डाला जाता है व शाम को शराब और डी.जे. की धमधम से माहौल को रंगीन किया जाता है। वहीं बसों, ट्रक, ट्रालों, टैम्पुओं, कारों, जीपों व अन्य वाहनों में लगे कर्णभेदी आवाजों वाले बड़े हार्न भी ध्वनि प्रदूषण बढ़ाने में बढ़चढ़ कर योगदान दे रहे हैं जबकि इन हार्नों पर पाबंदी लगी है।