Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 10:20 AM
गत 5-6 दिनों से आसमान में फैले धुएं और फॉग ने जिंदगी की रफ्तार को धीमा कर दिया है, जहां वाहन चालकों को धुंध के चलते वाहन चलाने में परेशानी हो रही है, वहीं किसानों द्वारा जलाई जा रही धान की पराली से उठने वाले जहरीले धुएं ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा...
गिद्दड़बाहा (कुलभूषण): गत 5-6 दिनों से आसमान में फैले धुएं और फॉग ने जिंदगी की रफ्तार को धीमा कर दिया है, जहां वाहन चालकों को धुंध के चलते वाहन चलाने में परेशानी हो रही है, वहीं किसानों द्वारा जलाई जा रही धान की पराली से उठने वाले जहरीले धुएं ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। लगातार 5वें दिन धुंध जैसा दिखने वाला यह धुआं नहीं बल्कि स्मॉग हैं। स्मॉग के कारण सब से ज्यादा बुरा हाल स्कूली बच्चों, रोजाना यात्रियों और बुजुर्गों का हो रहा है, जबकि शाम के समय आसमान में फैलने वाला धुआं सांस के मरीजों के साथ-साथ आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
इस स्मॉग के कारण लोगों की आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी, गले की खराबी और चर्म रोग आदि समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। गिद्दड़बाहा इलाके में सुबह से ही पूरी कायनात स्मॉग की चादर में लिपटी हुई थी, जबकि सूरज देवता ने भी इलाके में करीब 12 बजे के आस-पास दर्शन दिए।
धुंध ने रेलगाडिय़ों की रोकी रफ्तार
गत शाम से अचानक पड़ी घनी धुंध के कारण जहां सड़क पर आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है, वहीं इसका रेलगाडिय़ों पर भी भारी असर देखने को मिला। इस धुंध के कारण धीमी हुई रफ्तार के कारण ज्यादातर रेलगाडिय़ां अपने निश्चित समय से कई घंटे देरी से चल रही हैं। इसके अलावा कुछ गाडिय़ों को रास्ते में से ही वापस जाना पड़ा। स्टेशन मास्टर रामकेश मीना के अनुसार मुम्बई से फिरोजपुर जाने वाली पंजाब मेल एक्सप्रैस गाड़ी अपने निश्चित समय से अढ़ाई घंटे देरी से पहुंची व फिरोजपुर से वाया दिल्ली होकर छिन्दवाड़ा जाने वाली रेलगाड़ी अपने निश्चित समय से 8 घंटे देरी से पहुंची।
इसके अलावा जम्मू से बठिंडा जाने वाली जम्मू तवी एक्सप्रैस अढ़ाई घंटे देरी से, बठिंडा से फाजिल्का जाने वाली रेलगाड़ी डेढ़ घंटा व फाजिल्का से रेवाड़ी जाने वाली रेलगाड़ी डेढ़ घंटा देरी से चली। इसके अलावा दिल्ली से फाजिल्का जाने वाली रेलगाड़ी को बठिंडा में ही रोक दिया गया व यह गाड़ी फाजिल्का में रवाना नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि अगर धुंध इसी तरह रही तो गाडिय़ां और भी लेट हो सकती हैं।