Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Nov, 2017 10:26 AM
अक्तूबर माह पूरा ड्राई निकलने से मौसम पर इसका बहुत ज्यादा बुरा असर पड़ रहा है। वातावरण में पराली और पटाखों का धुआं मिक्स होने से जहां एक ओर नमी बढऩे लगी है। इस कारण दिसम्बर में पड़ने वाली धुंध पिछले एक सप्ताह से पड़ने लगी है। सुबह नमी की मात्रा 92...
होशियारपुर(अमरेन्द्र): अक्तूबर माह पूरा ड्राई निकलने से मौसम पर इसका बहुत ज्यादा बुरा असर पड़ रहा है। वातावरण में पराली और पटाखों का धुआं मिक्स होने से जहां एक ओर नमी बढऩे लगी है। इस कारण दिसम्बर में पड़ने वाली धुंध पिछले एक सप्ताह से पड़ने लगी है। सुबह नमी की मात्रा 92 फीसदी तो शाम को 67 फीसदी रिकॉर्ड हुई। इसका सीधा असर सर्दी बढऩे पर पड़ रहा है।
दिन के समय नमी बढऩे से अब रात को ओस की बूंदें गिरनी भी शुरू हो गई हैं, जो पराली के मिक्स हुए धुएं को भी कम करने में मदद करेंगी लेकिन पूरी तरह मौसम तभी साफ हो पाएगा जब बारिश होगी। होशियारपुर में सोमवार को दिनभर आसमान में छाए स्मॉग की चादर की वजह से जहां विजिबिलिटी कम रही, वहीं सूर्य की चमक व तपिश काफी फीकी रही। मौसम विभाग के अधिकारियों की मानें तो होशियारपुर में 11 नवम्बर के बाद ही बारिश होने की संभावना अभी बनी हुई है।
सांस के रोगी हो रहे हैं परेशान
स्मॉग की वजह से सांस के रोगी परेशान हो रहे हैं। डाक्टर्स के अनुसार धुएं के कणों की वजह से अस्थमा के रोगियों को ज्यादा तकलीफ होती है, वहीं सांस की तकलीफ व आंखों की जलन के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अगले एक सप्ताह तक धुंध गहराएगी। स्मॉग से होने वाली परेशानी से बचने के लिए घर से बाहर निकलते समय चश्मा पहनना चाहिए ताकि स्मॉग आंखों तक न पहुंच सके।
क्या कहते हैं मौसम विभाग के डायरैक्टर
मौसम विभाग चंडीगढ़ के डायरैक्टर डा. सुरेन्द्र पाल के अनुसार वातावरण में नमी ज्यादा होने और हवाएं शांत होने की वजह से ही पराली के धुएं के कणों का वातावरण में पृथ्वी के समीप ही आवरण बन जाता है। डा. पाल ने बताया कि तेज हवाएं चलने या फिर बरसात होने पर पराली के धुएं का आवरण खत्म हो सकता है। अगले एक सप्ताह तक धुंध गहराएगी। विजिबिलिटी रात को 200 मीटर और दिन को 500 के करीब रहेगी। सोमवार को हवाओं की रफ्तार 0.6 किलोमीटर प्रति घंटा ही रिकॉर्ड की गई।