Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 07:17 AM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट की शुरूआत करके देश के 100 शहरों को डिवैल्प करने की 5 वर्षीय योजना घोषित की थी, जिस पर कुल 98 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया गया था। इस प्रोजैक्ट में पंजाब के 3 बड़े शहरों...
जालंधर (खुराना): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट की शुरूआत करके देश के 100 शहरों को डिवैल्प करने की 5 वर्षीय योजना घोषित की थी, जिस पर कुल 98 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया गया था। इस प्रोजैक्ट में पंजाब के 3 बड़े शहरों जालंधर, अमृतसर और लुधियाना का चयन हुआ। इसके बाद इन तीनों शहरों के लाखों लोगों में आशा बंधी कि अब उन्हें अपने-अपने शहरों में विदेशों जैसा साफ-सुथरा और विकसित माहौल देखने को मिलेगा परंतु पिछले 2 सालों से राज्य के इन तीनों शहरों के लाखों निवासियों को स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के मामले में निराश होना पड़ रहा है क्योंकि पंजाब में यह प्रोजैक्ट बिल्कुल फ्लॉप दिखाई दे रहा है।
गौरतलब है कि इन दिनों शहरी विकास मंत्रालय की एक टीम अमृतसर आई हुई है जो पंजाब के तीनों शहरों में चल रहे स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट की समीक्षा कर रही है। इस टीम ने आज अमृतसर में बैठकर जालंधर और लुधियाना निगमों के अधिकारियों को भी अमृतसर बुला लिया ताकि इन शहरों में भी स्मार्ट सिटी मामले में हुई प्रगति पर चर्चा हो सके। जालंधर की बात करें तो स्मार्ट सिटी बाबत आई टीम से मिलने यहां से सी.ई.ओ. गिरिश दयालन तथा नगर निगम के एस.ई. कुलविंद्र सिंह अमृतसर पहुंचे। सूत्रों से पता चला है कि जालंधर निगम के अधिकारियों के पास स्मार्ट सिटी मामले में प्रगति संबंधी कोई फाइल नहीं थी क्योंकि अभी तक जालंधर में स्मार्ट सिटी के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगी।
नए जनप्रतिनिधि तय करेंगे रूपरेखा
निगमाधिकारियों ने टीम को बताया कि जालंधर का नया मेयर नहीं बना है जिस कारण स्मार्ट सिटी के काम में प्रगति नहीं हो पा रही। नए जनप्रतिनिधियों के शपथ लेते ही इस मामले में तेजी से कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
2 साल पहले बनी प्रोपोजल ही है दिखाने को
जालंधर निगम ने स्मार्ट सिटी में अपना चयन होते ही एक प्रोपोजल तैयार की थी कि किस तरह शहर को विकसित करना है। यह प्रोपोजल करीब 2 हजार करोड़ रुपए की थी। उसके बाद कंसल्टैंट कम्पनी फाइनल होनी थी जो उस प्रोपोजल को लागू कर सके। पंजाब में कांग्रेस सरकार को आए साल होने को है परंतु इस सरकार ने अभी तक सिर्फ कंसल्टैंट कम्पनी को ही फाइनल किया है। निगमाधिकारियों ने आज अमृतसर में जब टीम को उक्त प्रोपोजल दिखाई, तो उनका उत्तर था कि यह प्रोपोजल वह कई बार देख चुके हैं।