कड़ाके की ठंड में भी फुटपाथों पर सोने वालों की लगी लाइनें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 11:12 AM

sleeping lines on the sidewalk in the cold winter

पिछले 2 दशकों से नगर निगम पटियाला सड़कों पर सोने वालों का हल नहीं निकाल सकी। हालात यह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद शहर की प्रमुख सड़कों के फुटपाथों, रेलवे स्टेशन और धार्मिक स्थान के बाहर आज भी बड़ी संख्या में बेसहारा लोग सो रहे हैं।

पटियाला (बलजिन्द्र, राणा) : पिछले 2 दशकों से नगर निगम पटियाला सड़कों पर सोने वालों का हल नहीं निकाल सकी। हालात यह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद शहर की प्रमुख सड़कों के फुटपाथों, रेलवे स्टेशन और धार्मिक स्थान के बाहर आज भी बड़ी संख्या में बेसहारा लोग सो रहे हैं।

हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम की तरफ से बनाए गए रैन बसेरे खाली हैं। इसको कानून लागू करने वालों की कमी कहें या फिर कुछ और, परंतु यह साफ है कि सड़कों पर बेसहारा सोने वालों की समस्या का हल नहीं निकल रहा। हालांकि जिला प्रशासन की तरफ से एक गैर-सरकारी संस्था ‘हर हाथ कलम’ के साथ मिल कर ‘बैगर फ्री पटियाला’ नाम की मुहिम भी चलाई गई थी, परंतु इसका प्रभाव कोई ज्यादा होता दिखाई नहीं दे रहा।

जिला प्रशासन की तरफ से नहीं की जा रही सख्ती
जिला प्रशासन की तरफ से बाहर सोने वालों के खिलाफ सख्ती नहीं की जा रही। हालांकि रात को पी.सी.आर. की पाॢटयां पूरे शहर में घूमती हैं, परंतु कोई इनको रैन बसेरों में नहीं भेज रहा। पंजाब केसरी की टीम की तरफ से दौरा करने पर पाया गया कि शहर की सबसे खूबसूरत मानी जाने वाली माल रोड पर ही दर्जनों व्यक्ति फुटपाथ पर लाइन लगाए तिरपालों के नीचे सोए हुए हैं।

सड़कों पर सोने वालों में सबसे ज्यादा भिखारी शामिल हैं। जिनमें बड़ी उम्र की महिलाएं, व्यक्ति और छोटे बच्चों समेत दिव्यांग भिखारी अलग-अलग चौकों में भिक्षा मांगते अक्सर देखे जा सकते हैं, इनके कारण ही वाहनों में से सामान चोरी होने की वारदातें सामने आती हैं। बढ़ती भिखारियों की संख्या के कारण आम शहरी परेशान है। 

रात का तापमान औसतन 8 डिग्री चल रहा
कड़ाके की ठंड के बावजूद बेसहारा लोग रैन बसेरों की जगह सड़कों पर सोने को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। इस समय रात का तापमान औसतन 8 डिग्री चल रहा है, परंतु फिर भी कोई रैन बसेरों में जाने को प्राथमिकता नहीं दे रहा। नगर निगम की तरफ से अलग-अलग स्थानों पर कई रैन बसेरे बनाए गए हैं, जोकि खाली पड़े हैं। 

धार्मिक संस्थानों के सामने भिखारियों का जमावड़ा
पटियाला शहर में प्रसिद्ध धार्मिक स्थान मंदिर श्री काली माता, गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब, हनुमान जी के कई मंदिरों समेत अलग-अलग धार्मिक स्थानों पर भिखारियों का जमावड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिसकी रोकथाम न होने के कारण और इन भिखारियों की पृष्ठभूमि पता न होने के कारण आम शहरी के लिए सहम का माहौल बना हुआ है।

धार्मिक स्थानों पर कई बार जेब काटना, वाहन चोरी, चेन स्नैचिंग जैसी घटनाओं का होना भी इन भिखारियों पर शक पैदा करता है। क्योंकि ज्यादातर भिखारी मध्य प्रदेश, बिहार, यू.पी., गुजरात और राजस्थान प्रदेशों से पलायन करके पंजाब के अलग-अलग शहरों में अपने पक्के डेरे जमा कर बैठे हैं, जो प्रदेश के लिए भविष्य में सुरक्षा पक्ष से घातक सिद्ध हो सकते हैं।

फुटपाथों पर तंबू तान कर बनाए आरजी रैन बसेरे
प्रशासन की नजर में रैन बसेरे होने के बावजूद शहर की मुख्य सड़कों के आसपास फुटपाथों पर अलग-अलग राज्यों से आए प्रवासियों ने अपने रहने के लिए तंबू तान कर आरजी रैन बसेरे बनाए हुए हैं, जिन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। वे दिन-रात इन्हीं तंबूओं में रह कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। चाहे मुख्यमंत्री का शहर होने के कारण सुरक्षा इलाका घोषित किया हुआ है परंतु फिर भी सुरक्षा पक्ष से लापरवाहियों की सूची बहुत लंबी है। सड़कों के किनारे ही खाना बनाया जाता है। 

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