Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 12:03 PM
अमर शहीद संत हरचन्द सिंह लौंगोवाल की शहादत भूमि शेरपुर में लगभग 5 करोड़ 25 लाख रुपए की लागत से बने सरकारी अस्पताल में डाक्टरों और सामान की भारी कमी है, जिस कारण यहां स्वास्थ्य सुविधाएं ठप्प होकर रह गई हैं।सरकार ने इस अस्पताल को कम्युनिटी हैल्थ सैंटर...
शेरपुर (अनीश): अमर शहीद संत हरचन्द सिंह लौंगोवाल की शहादत भूमि शेरपुर में लगभग 5 करोड़ 25 लाख रुपए की लागत से बने सरकारी अस्पताल में डाक्टरों और सामान की भारी कमी है, जिस कारण यहां स्वास्थ्य सुविधाएं ठप्प होकर रह गई हैं।सरकार ने इस अस्पताल को कम्युनिटी हैल्थ सैंटर का दर्जा देकर अपग्रेड जरूर कर दिया है परन्तु अब तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यहां न तो एमरजैंसी सेवाएं शुरू की गईं और न स्टाफ की कमी को पूरा किया गया। लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहे डाक्टरों का लगातार स्थानांतरण किया जा रहा है। एमरजैंसी केसों में मरीजों को सिविल अस्पताल धूरी, बरनाला या मालेरकोटला में इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। स्टाफ की कमी को लेकर इलाके के लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है।
खड़ी है खटारा एम्बुलैंस
30 बिस्तरों का यह अस्पताल इलाके के 70 गांवों व 4 मिनी प्राइमरी हैल्थ सैंटरों मूलोवाल, कांझला, भलवान और मीमसा को पिछले लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता आ रहा है परंतु यहां दवाइयां, मशीनरी, औजार और डाक्टरों की भारी कमी होने के कारण अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाएं देने में पिछड़ता जा रहा है। इसके अलावा कई वर्षों से खटारा एम्बुलैंस खड़ी होने के कारण स्टाफ को दवाइयों की सप्लाई व अन्य भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं समाज सेवी संगठनों के नेता
पब्लिक हैल्पलाइन के प्रधान एडवोकेट नवलजीत गर्ग, जन सहारा क्लब के नेता सुशील गोयल, पी.ए.डी.बी. के डायरैक्टर हरबंस सिंह सलेमपुर, आम आदमी पार्टी के नेता परमिन्द्र सिंह पन्नू कातरों, लायंस क्लब के प्रधान धर्मेंद्र्र सिंगला आदि ने कहा कि एक तरफ तो राज्य सरकार लोगों को बढिय़ा स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावे करती है, वहीं दूसरी तरफ शेरपुर इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार व प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही शेरपुर के अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी न कीं तो वे संघर्ष करने को मजबूर होंगे।