संघ चाहता है MRP पर बिकें सब्जियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 09:25 AM

rss wants to sell vegetables at mrp

देश में सत्तासीन भाजपा नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगते रहते हैं कि वह अपनी मैंटर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नीतियों को देश पर लागू कर रही है। संघ की तरफ से सीधे तौर पर तो नहीं परंतु अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा को समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाते रहते...

जालंधर (पाहवा) : देश में सत्तासीन भाजपा नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगते रहते हैं कि वह अपनी मैंटर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नीतियों को देश पर लागू कर रही है। संघ की तरफ से सीधे तौर पर तो नहीं परंतु अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा को समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाते रहते हैं। खासकर देश की व्यवस्था के लिए बनाई जाने वाली नीतियों में संघ का कुछ न कुछ सहयोग रहता है। अब संघ की तरफ से देश में सब्जियों की एम.आर.पी. तय करने को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। मोदी सरकार के बजट पेश करने से पहले संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने सब्जियों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एम.आर.पी.) तय करने की मांग की है। भारतीय किसान संघ ने किसानों को पहुंचने वाले फायदे को लेकर सवाल उठाए हैं।

किसान के साथ हो रहा गलत : संघ
किसान संघ का कहना है कि सरकार को सब्जियों और खेतों में उगाई जाने वाली दूसरी वस्तुओं की कीमत पर नियंत्रण की जरूरत है। एक किसान 5 रुपए प्रति किलो टमाटर बेचता है लेकिन यही टमाटर मंडियों में 30 रुपए में बेचा जाता है। खरीदार तक पहुंचते-पहुंचते यह 50 रुपए प्रति किलो हो जाता है। किसान खेती का सभी कच्चा सामान अधिकतम खुदरा मूल्य पर खरीदता है और सब्जियों को कम दामों पर बेचता है। संघ का मानना है कि यह किसान के साथ गलत हो रहा है।

संघ ने सरकार को याद करवाया चुनावी वायदा
भारतीय किसान संघ तर्क दे रहा है कि किसानों को उनके उत्पादन का सही दाम नहीं मिल रहा है। मंडियां इसे सही दाम पर नहीं खरीद रही हैं। हालत यह है कि किसानों को लगातार घाटा हो रहा है। संघ का यह भी कहना है कि चुनाव के वक्त सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) बढ़ाने का वायदा किया था। किसानों और उत्पादकों को ध्यान में रखते हुए ही न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाना चाहिए। आमतौर पर किसानों की बजाय खरीदार और विक्रेता का फायदा देखा जाता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जोर
वैसे अब तक फिलहाल पंजाब और हरियाणा में ही सब्जियों जैसी खराब होने वाली वस्तुओं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) तय किए गए हैं। संघ चाहता है कि सरकार सभी प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करे, जबकि सरकार ने अभी तक सिर्फ 23 फसलों के लिए इसे तय किया है बाकी सब न्यूनतम समर्थन मूल्य की श्रेणी से बाहर हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संसद के शीतकालीन सत्र में यह माना था कि किसानों को एम.एस.पी. नहीं मिल रहा है। उन्होंने इस व्यवस्था को जल्द ही ठीक करने का आश्वासन दिया था। उधर वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट में भारतीय किसान संघ ने मोदी सरकार से बजट में सब्जियों के दाम फिक्स करने की मांग की है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!