Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 12:55 PM
पंजाब भर में नौजवानों को नशों से दूर कर उन्हें रोजगार दिलाने में प्रथम स्थान रखने वाले गुरदासपुर के रैडक्रॉस नशामुक्ति सैंटर की प्रशंसा केन्द्र तथा पंजाब सरकार समय-समय पर करती भी है।
गुरदासपुर (विनोद): पंजाब भर में नौजवानों को नशों से दूर कर उन्हें रोजगार दिलाने में प्रथम स्थान रखने वाले गुरदासपुर के रैडक्रॉस नशामुक्ति सैंटर की प्रशंसा केन्द्र तथा पंजाब सरकार समय-समय पर करती भी है।
इस रैडक्रॉस नशामुक्ति सैंटर के प्रोजैक्ट डायरैक्टर रमेश महाजन को इस सैंटर के माध्यम से निभाई जा रही सेवाओं के लिए राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है परंतु इस नशामुक्ति सैंटर की समर्था 30 बैड से बढ़ाकर 50 बैड की करने की लाख कोशिश के बावजूद बीते 12 सालों से की जा रही कोशिश की सफलता न मिलने के कारण केन्द्र तथा पंजाब सरकार के नशों के विरुद्ध चलाए अभियान पर कई तरह के प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।
क्या इतिहास है इस रैडक्रॉस नशामुक्ति सैंटर गुरदासपुर का
जिला गुरदासपुर जिस तरह से आतंकवाद के दौर में पूरे विश्व में मशहूर था उसी तरह नशों के कारण भी यह जिला लम्बे समय से बदनाम है। इस जिले के नौजवान बेरोजगारी के कारण नशों की तरफ जल्द आकॢषत हो जाते हैं तथा पाकिस्तान से आने वाले नशों का भी प्रभाव इस जिले पर काफी पड़ता है। इस कारण जिला प्रशासन ने वर्ष 1997 मेंगुरदासपुर में रैडक्रॉस की मदद से नशामुक्ति सैंटर शुरू किया।
शुरू से ही यह नशामुक्ति सैंटर कई तरह की समस्याओं का शिकार रहा है तथा आर्थिक रूप में तो यह सैंटर सदा ही तंगी में रहा है।
पहले तो इसे कोई इमारत नहीं मिल रही थी तथा कभी कहीं तो कभी कहीं दूसरे स्थान पर शिफ्ट होता रहा है यह सैंटर परंतु अब यह सैंटर शहर के बाहर गुरदासपुर-काहनुवान रोड पर एक शानदार इमारत में चल रहा है। इस रैडक्रॉस नशामुक्ति सैंटर का श्री विजय चोपड़ा सहित कई केन्द्रीय तथा पंजाब के मंत्री दौरा कर चुके हैं। जिला गुरदासपुर का हर जिलाधीश इस सैंटर का दौरा करना जरूरी समझता है। विदेशों से भी कई टीमें इस सैंटर का दौरा कर चुकी हैं तथा हर कोई इस सैंटर की विजिटिंग बुक में इसको देश का सबसे बेहतर नशामुक्ति सैंटर लिखकर जाता है।
क्या समस्याएं पेश आ रही हैं इस सैंटर को
रैडक्रॉस नशामुक्ति सैंटर को पेश आ रही समस्याओं की चर्चा करते हुए रमेश महाजन ने बताया कि वह तथा जिला गुरदासपुर का तैनात रहा हर जिलाधीश इस सैंटर की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर चुका है परंतु कुछ लाभ नहीं हुआ। एड्स संबंधी पीड़ित नौजवानों का इलाज संबंधी भी 2 साल चला था जो अब बंद कर दिया गया है। वर्ष 2017-18 का बजट आज तक पास न होने के कारण सैंटर को आॢथक स्तर पर भी परेशानी हो रही है।
सैंटर की सुरक्षा राम भरोसे
इस सैंटर में हर समय लगभग 30 नशों से पीड़ित नौजवान तथा उनके अभिभावक रहते हैं। नशों से पीड़ित नौजवान कई बार तो मुसीबत खड़ी कर देते हैं। इलाज करवाने के लिए आए नौजवान शुरू में तो सैंटर से भागने की कोशिश भी करते हैं। प्रोजैक्ट डायरैक्टर रमेश महाजन के अनुसार हम बार-बार इस सैंटर में पुलिस सुरक्षा कर्मी तैनात करने की मांग करते हैं तथा कई बार तो पुलिस महानिदेशक तक से हमें पुलिस सुरक्षा देने का आश्वासन देने के बावजूद सुरक्षाकर्मी नहीं दिए गए हैं जिस कारण सैंटर में तैनात 13-14 सदस्यों का स्टाफ जिसमें महिला कर्मचारी भी शामिल हैं में असुरक्षा की भावना बनी रहती है। इस तरह सैंटर की सुरक्षा राम भरोसे है।