Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 09:42 AM
केन्द्र हो या राज्य सरकारें या फिर कोई सरकारी मंत्रालय आम जनता को सुविधाएं देने के दावे हर कोई करता है परन्तु आम आदमी के हाथ में सुविधाओं के नाम पर खाली कटोरा ही नजर आता है।
पठानकोट (शारदा): केन्द्र हो या राज्य सरकारें या फिर कोई सरकारी मंत्रालय आम जनता को सुविधाएं देने के दावे हर कोई करता है परन्तु आम आदमी के हाथ में सुविधाओं के नाम पर खाली कटोरा ही नजर आता है।
मौसम सर्दी का हो या बरसात का सामान्य नागरिक का हाल बेहाल ही रहता है। यहां तक कि रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थलों जहां सीधे आम जन अपनी दिनचर्या के चलते आने-जाने के लिए गाहे-बगाहे उपस्थिति देते ही हैं, पर भी सुविधाओं के नाम पर जनता के हाथ छुनछुना ही लगता है।
रेलवे स्टेशनों (सिटी एवं पठानकोट कैंट) पर भी आम आदमी के ठहरने के लिए कोई सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं है यहां तक कि रिटाइरिंग रूम तक नहीं है। बस स्टैंड में भी सिर्फ रैन बसेरा है जिसे ठेके पर चलाया जा रहा है। यहां ठहरने के लिए यात्री को कम से कम 100 रुपए तो चुकता करने ही होंगे यानी जेब आम आदमी की ही हल्की होगी। सरकारों व संबंधित विभाग को इससे कुछ लेना-देना नहीं है। ऐसे में सुविधाओं के दावे महज दावे ही रहते हैं।