Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Nov, 2017 01:17 PM
लोगों को इंसाफ दिलवाने के लंबे-चौड़े दावे करने वाली पंजाब पुलिस अपनी ही एक महिला कांस्टेबल को इंसाफ नहीं दिलवा पा रही। अपनी बेटी से रेप करने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर महिला कांस्टेबल एस.एस.पी. से लेकर डी.जी.पी. तक गुहार लगा चुकी है...
फिरोजपुर (मल्होत्रा): लोगों को इंसाफ दिलवाने के लंबे-चौड़े दावे करने वाली पंजाब पुलिस अपनी ही एक महिला कांस्टेबल को इंसाफ नहीं दिलवा पा रही। अपनी बेटी से रेप करने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर महिला कांस्टेबल एस.एस.पी. से लेकर डी.जी.पी. तक गुहार लगा चुकी है लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।
इस मामले में सबसे हैरानीजनक बात यह है कि पीड़ित लड़की से 3 साल से दुष्कर्म करने वाला कोई और नहीं, उसका सोतैला बाप ही है। हद तो तब हो गई जब उक्त आरोपी ने एक सप्ताह बाद अपने भाइयों के साथ मिलकर महिला कांस्टेबल के घर में घुसकर 19 तोले सोने के जेवरात और 1 लाख रुपए चुरा लिए।शनिवार को ‘पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत करते हुए पीड़ित लड़की की नानी ने बताया कि उसकी बेटी की शादी परमजीत सिंह के साथ हुई थी और वर्ष 2001 में इनके घर बेटी हुई।
इसी साल परमजीत सिंह की मौत हो गई। दामाद की सड़क दुर्घटना में हुई मौत का गम न सहते हुए उसके पति का एक साल बाद देहांत हो गया। उसने गुरजीत कौर की दूसरी शादी वर्ष 2008 में हजारा सिंह के साथ कर दी। 2004 में को तरस के आधार पर डी.आई.जी. कार्यालय में नौकरी मिल गई और वह अपने पति, बेटी व बेटे के साथ पुलिस लाइन स्थित सरकारी क्वार्टर में रहती है।
उन्होंने आरोप लगाए कि जब ड्यूटी पर चली जाती थी और उसका बेटा स्कूल चला जाता था तो हजारा सिंह अपनी सोतैली बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाने लगा और यह सिलसिला 3 साल से चल रहा था। 23 अक्तूबर 2017 को राज कौर ने इस संबंधी उससे व अपनी मां से बात की तो उन्होंने थाना कैंट में आरोपी हजारा सिंह के विरुद्ध रेप एवं चाइल्ड प्रोटैक्शन एक्ट के तहत पर्चा दर्ज करवाया और वह अपनी बेटी को साथ लेकर उसके घर रहने लगी।
उसने बताया कि 25 अक्तूबर को आरोपी हजारा सिंह के भाई उसकी बेटी के पास आए और कहने लगे कि वे हजारा सिंह को गिरफ्तार करवाने जा रहे हैं और सरकारी क्वार्टर में पड़े कुछ दस्तावेजों की जरूरत है। उसने उनकी बातों में आकर उन्हें क्वार्टर की चाबी दे दी। 31 अक्तूबर को जब वह अपने क्वार्टर में गई तो बाहर गेट को ताला लगा हुआ था, जबकि भीतर सेफ टूटी हुई थी और उसमें रखे 19 तोले सोने के गहने, जिनमें गले के हार, मुंदरियां, चूडिय़ां, कड़ा इत्यादि शामिल हैं और एक लाख रुपए गायब थे। उसने आरोप लगाए कि इस घटना को तीनों भाइयों ने योजनाबद्ध ढंग से अंजाम दिया है। चोरी की सूचना उन्होंने उसी दिन पुलिस को दे दी थी, जबकि अभी तक पुलिस ने तीनों के विरुद्ध कोई पर्चा तक दर्ज नहीं किया, जबकि वह अपनी बेटी और दोहती की जान को खतरा देखते हुए छिपती-छिपाती रह रही है।
क्या कहते हैं एस.एस.पी.
इस संबंध में एस.एस.पी. भूपिन्द्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पूरा मामला उनके ध्यान में है और पीड़ित परिवार द्वारा दी गई दोनों शिकायतों की निरंतर जांच चल रही है। डी.एस.पी. हैडक्वार्टर को इस मामले की जांच सौंपी गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनकी टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।