कांग्रेस व एन.सी.पी. फिर बने दोस्त, मिलकर लड़ेंगे 2019 का चुनाव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 09:37 AM

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2014 में कांग्रेस तथा एन.सी.पी. ने सीटों के बंटवारे को लेकर अपना एक दशक पुराना गठजोड़ तोड़ लिया था। उसके बाद राज्य में भाजपा अपने बलबूते पर महाराष्ट्र में सत्ता में आई तथा उसने स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव भी जीत लिए। कांग्रेस तथा एन.सी.पी. ने...

जालन्धर(धवन): 2014 में कांग्रेस तथा एन.सी.पी. ने सीटों के बंटवारे को लेकर अपना एक दशक पुराना गठजोड़ तोड़ लिया था। उसके बाद राज्य में भाजपा अपने बलबूते पर महाराष्ट्र में सत्ता में आई तथा उसने स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव भी जीत लिए। कांग्रेस तथा एन.सी.पी. ने मंगलवार को निर्णय लिया कि वह मिलकर चलेंगे तथा उन्होंने पुरानी दोस्ती को बहाल कर दिया।


नागपुर में दोनों पाॢटयों ने किसानों के ऋण माफ न करने के मुद्दे पर मिलकर सांझी रैली की। इइसमें दोनों पार्टियों ने संकल्प लिया कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। दोनों पार्टियों को यह बात समझ में आ गई है कि अलग-अलग लडऩे से फायदा भाजपा को मिला है। दोनों पार्टियों को यह बात समझ में आ गई है कि अलग-अलग लडऩे से फायदा भाजपा को मिला है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान ने कहा कि 2019 में कांग्रेस तथा एन.सी.पी. में दोबारा गठजोड़ होगा तथा उस समय केंद्र में भी हमारी सरकार बनेगी। गुजरात में परिवर्तन की लहर चल पड़ी है जो धीरे-धीरे पूरे देश में फैल जाएगी। कांग्रेस तथा एन.सी.पी. की रैली को कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने संबोधित किया। चौहान ने रैली में कहा कि इस समय हम अलग हैं परन्तु कौन जाने कल को हम फिर इकट्ठे हो जाएं। गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि कांग्रेस तथा एन.सी.पी. की विचारधारा आपस में मेल खाती है तथा हम अब इकट्ठे काम कर रहे हैं। 

एन.सी.पी. ने भी ऐसे ही विचार रैली में प्रकट किए। एन.सी.पी. के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि दोनों पाॢटयों को एकजुट रहना होगा तथा उन्हें उम्मीद है कि 2019 में महाराष्ट्र में भी दोनों पार्टियों की सरकार अस्तित्व में आएगी। कांग्रेस तथा एन.सी.पी. की निकटता का एक कारण यह भी है कि एन.सी.पी. के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा पाकिस्तानी अधिकारियों से बैठक करने के मुद्दे पर सवाल खड़े करने पर चिंता जाहिर की थी। शरद पवार ने कहा कि डा. मनमोहन सिंह की निष्ठा पर कोई भी संदेह नहीं कर सकता है। भाजपा जनता के मुद्दों की अनदेखी कर रही है तथा जनता के गुस्से से बचने के लिए अब वह पाकिस्तान के मुद्दे को उठा रही है। पवार का सीधा निशाना भाजपा पर था क्योंकि उसने गुजरात के विधानसभा चुनाव में डा. मनमोहन सिंह की पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ मुलाकात के मुद्दे को तूल दिया हुआ है। 

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