Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 10:39 AM
शहर के अलग-अलग इलाकों से फोन कर लोग आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें जिला प्रशासन के कंप्लेंट सेल में दर्ज करवा रहे हैं लेकिन रिटर्निंग अफसरों के फील्ड स्टाफ ने पब्लिक को ही झूठा करार दिया है। करीब 80 फीसदी शिकायतें फील्ड वेरिफिकेशन में फर्जी...
जालंधरः शहर के अलग-अलग इलाकों से फोन कर लोग आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें जिला प्रशासन के कंप्लेंट सेल में दर्ज करवा रहे हैं लेकिन रिटर्निंग अफसरों के फील्ड स्टाफ ने पब्लिक को ही झूठा करार दिया है। करीब 80 फीसदी शिकायतें फील्ड वेरिफिकेशन में फर्जी निकली हैं।
स्टाफ ने अपनी रिपोर्ट दी है कि मौके पर आचार संहिता का उल्लंघन हुआ ही नहीं। शिकायतें बंद करने की सिफारिश हुई है। 20 फीसदी की जांच चल रही है। जिस नंबर से शिकायत हुई है, वहां अब कोई और ही बोल रहा है। फोन रिसीव करने वाले का कहना है कि उसने कोई शिकायत दर्ज ही नहीं करवाई। वह अपना नाम भी अलग बता रहा है। मगर थोड़ी देर बाद ही उसी नंबर से दोबारा कंप्लेंट फाइल हो रही है।
फील्ड स्टाफ को शिकायतकर्ता नहीं मिल रहे लेकिन उन्हीं नंबरों से बार-बार शिकायतें दायर हो रही हैं। नियम है कि अगर किसी कैंडिडेट के खिलाफ दायर होने वाली शिकायत जांच में सही पाई जाती है तो उसके खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता का केस दर्ज हो सकता है। नामांकन या योग्यता भी रद्द हो सकती है। फिलहाल सोमवार तक कंप्लेंट सेल में 23 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, इसमें से 80 फीसदी फर्जी निकली हैं। बाकियों की जांच की जा रही है।
निगम चुनाव के लिए पूरे शहर में लाऊड स्पीकर वाले ऑटो घूम रहे हैं। किसी को भी कोई मंजूरी नहीं है। जिला प्रशासन से अभी तक चुनाव प्रचार के लिए ऑटो इत्यादि की किसी ने मंजूरी नहीं ली। इसके बावजूद धड़ल्ले से गली-मोहल्ले में ऑटोज का इस्तेमाल हो रहा है। इसी तरह लोगों के घरों के बाहर बगैर परमिशन प्रचार सामग्री लगाना भी आचार संहिता का उल्लंघन है लेकिन एक भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई है।
आचार संहिता के उल्लंघन की सोमवार को चार शिकायतें दायर हुई हैं। चारों शिकायतें जबरदस्ती घरों के बाहर स्टिकर या पोस्टर लगाने से संबंधित हैं। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उनकी मंजूरी के बगैर घर के बाहर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने स्टिकर व पोस्टर लगाए हैं। घर की दीवार खराब कर दी है। पहली शिकायत वार्ड-26, दूसरी वार्ड-25, तीसरी वार्ड-33 और चौथी वार्ड-66 से आई है। इन सभी शिकायतों को रिटर्निंग अफसरों के पास जांच और कार्रवाई के लिए रेफर किया गया है।